महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो (mahaakumbh mein har man ka Udhhar ho lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो (mahaakumbh mein har man ka Udhhar ho lyrics in Hindi) - 


"महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो" एक प्रसिद्ध भजन है जो महाकुंभ मेला और धार्मिक अवसरों पर गाया जाता है। इस भजन के पूरे बोल इस प्रकार हैं:


महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो

महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो,

महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो।

सकल जगत में सुख-शांति का विस्तार हो,

महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो।


रूप रंग से परे, है यह दिव्य पर्व,

सभी धर्मों को जोड़ता यह महाकुंभ,

गंगा के किनारे, जो हर कोई आये,

मन में विश्वास और भक्ति जगाये।


महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो,

महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो।


हर मन में हो प्रेम और अहिंसा की ज्योति,

गंगा की धारा से मिले हर एक को शांति।

सभी दुखों से मुक्ति हो और हर दिल को मिल जाये,

ईश्वर की कृपा से हर जीवन में सुख आये।


महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो,

महाकुंभ में हर मन का उद्धार हो।


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