कुंभ मेला में भक्ति का अमृत पान (kumbh mele mein bhakti ka amrt paan lyrics in hindi)
कुंभ मेला में भक्ति का अमृत पान
गूंजे हर दिशा में हरि का गुणगान।
गंगा के तट पर साधु-संतों का मेला,
हर हर महादेव का बज रहा है वेला।
ध्यान-धर्म की ज्योति जलाई,
गंगा मैया की महिमा गाई।
त्रिवेणी के संगम का अनमोल स्थान,
कुंभ मेला में भक्ति का अमृत पान।
साधु-संतों की बानी मीठी,
हर शंकर की महिमा प्रीती।
हरि के चरणों में सबकी लगन,
कुंभ मेला में भक्ति का अमृत पान।
दिया जलाएं, मन को शुद्ध बनाएं,
संगम में डुबकी लगाकर हरि का नाम गाएं।
पुण्य कमाएं, धर्म का ज्ञान पाएं,
हरि के आशीर्वाद से जीवन निखारें।
जय गंगा मैया, जय त्रिवेणी धाम,
सभी भक्तों को मिले हरि का अनमोल दान।
कुंभ मेला में भक्ति का अमृत पान,
गूंजे हर दिशा में हरि का गुणगान।
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