कुंभ मेला में साधना का संगम (kumbh mela mein saadhana ka sangam lyrics in hindi)
कुंभ मेला में साधना का संगम,
हर हर गंगे, जय गंगे!
संतों का समागम, ऋषियों का संगम,
हर हर गंगे, जय गंगे!
त्रिवेणी का पावन जल,
शिव का सजीला अंचल,
हरि दर्शन की ललक लिए,
आया हर भक्त का दल।
गंगा-जमुना और सरस्वती,
तीनों का अद्भुत मेल।
कुंभ के इस पावन मेले में,
बनता जीवन का खेल।
भजन, ध्यान और गंगा स्नान,
पापों का हरता है ये महान।
संतों की महिमा, ऋषियों की वाणी,
सबको मिलता यहाँ वरदान।
जय हो कुंभ, जय साधना,
माँ गंगा का है अभिनंदन।
कुंभ मेला में साधना का संगम,
हर हर गंगे, जय गंगे!
यह गीत आध्यात्मिकता, पवित्रता, और भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े पर्वों में से एक, कुंभ मेले की महिमा को उजागर करता है।
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