तेरी सास पे सास लूटी पगले फिर क्यों नहीं राम भजे भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind


तेरी सास पे सास लूटी पगले फिर क्यों नहीं राम भजे


तेरी सास पे सास लूटी पगले फिर क्यों नहीं राम भजे
जीवन की शाम हुई पगले फिर क्यों नहीं राम भजे

तू ढूंढे सुख सारे जगत में याहा मिले दुःख भारी
तू खोये जीवन के मोती क्या तेरी लाचारी,
तेरी झूठी आस गई पगले  फिर क्यों नहीं राम भजे

नगर नगर में सीता जोगी प्रेम की ज्योति जलाये
क्यों कर्मो में रम ता योगी जगत से प्रीत लगाए
ये समय निकल न जाए पगले,  क्यों नहीं राम भजे

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