|| हे भगवान हम अज्ञान कैसे ध्यान करे तेरा ||
|| हे भगवान हम अज्ञान कैसे ध्यान करे तेरा ||
ऐसे कौन से कर्म करे जो साथ मिल जाए तेरा,
ये दुनिया का मेला भटक मैं जाऊ न,,
राहे बहुत सी है कही खो जाऊ न,,
हु अकेले उस भीड़ को दिल में ये गबरा मेरा,,
ऐसे कौन से कर्म करे जो साथ मिल जाए तेरा,
तुम से हो जाता हूँ और शाम यहाँ है,
तुम्हारा बिन न होता है ओई भी यहाँ काम करते हैं,
तुम्हारा ही तो छाया में खिल जाए ये जीवन मेरा,
ऐसे कौन से कर्म करे जो साथ मिल जाए तेरा,
|| हे भगवान हम अज्ञान कैसे ध्यान करे तेरा ||
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