सुनी सुनाई बात नहीं अपना अनुभव बतलाता हूँ
|| सुनी सुनाई बात नहीं अपना अनुभव बतलाता हूँ ||
जबसे जुड़ा हूँ इस दरबार से बैठा मौज उड़ाता हूँ
किस्मत वाला हूँ मुझको इतना प्यारा दरबार मिला,
मैंने जब जब जो भी माँगा मुझको तो हर बार मिला,
मैंने सब कुछ यहीं से पाया इसीलिए गुण जाता हूँ,
जबसे जुड़ा हूँ इस दरबार से बैठा मौज उड़ाता हूँ,
|| सुनी सुनाई बात नहीं अपना अनुभव बतलाता हूँ ||
सच्ची श्रद्धा लेकर जो भी इस दरबार में आता है,
खाली झोली लेकर आता झोली भर कर जाता है,
यहाँ का झाड़ा रोग मिटाये दिल की बात बताता हूँ,
जबसे जुड़ा हूँ इस दरबार से बैठा मौज उड़ाता हूँ,
|| सुनी सुनाई बात नहीं अपना अनुभव बतलाता हूँ ||
भेद भाव यहाँ कुछ नहीं चलता सबको बराबर मान मिला,
मुझको तो औकात से बढ़ कर यहाँ मान सम्मान मिला,
अमरीश की पहचान यही है सबको आज बताता हूँ,
जबसे जुड़ा हूँ इस दरबार से बैठा मौज उड़ाता हूँ,
|| सुनी सुनाई बात नहीं अपना अनुभव बतलाता हूँ ||
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks