इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले भजन लिरिक्स (Itna Toh Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle Lyrics in Hindi) - Chetna Shukla - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले भजन लिरिक्स (Itna Toh Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle Lyrics in Hindi) - 


इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले 
गोविन्द नाम लेकर 
फिर प्राण तन से निकले ||

श्री गंगा जी का तट हो
यमुना का वंशीवट हो
मेरा सांवरा निकट हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

पीताम्बरी कसी हो
छवि मन में यह बसी हो
होठों पे कुछ हसी हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

श्री वृन्दावन का स्थल हो
मेरे मुख में तुलसी दल हो
विष्णु चरण का जल हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

जब कंठ प्राण आवे
कोई रोग ना सतावे
यम दर्शना दिखावे
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
राधा को साथ लाना
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

सुधि होवे नाही तन की
तैयारी हो गमन की
लकड़ी हो ब्रज के वन की
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

एक भक्त की है अर्जी
खुदगर्ज की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्जी
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले ||

ये नेक सी अरज है
मानो तो क्या हरज है
कुछ आप का फरज है
जब प्राण तन से निकले ||

इतना तो करना स्वामी 
जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेकर 
फिर प्राण तन से निकले ||

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले भजन लिरिक्स (Itna Toh Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle Lyrics in Hindi) - Chetna Shukla - Bhaktilok



** Singer - Chetna Shukla **



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