कन्हैया तेरी बांकी अदाओं ने मारा (kanhaiya teri banki adaaon ne mara Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

कन्हैया तेरी बांकी अदाओं ने मारा (kanhaiya teri banki adaaon ne mara Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - Bhaktilok

कन्हैया तेरी बांकी अदाओं ने मारा (kanhaiya teri banki adaaon ne mara Lyrics in Hindi) - 


कन्हैया तेरी बांकी अदाओं ने मारा

कन्हैया तेरी बांकी अदाओं ने मारा।

बिसर गई मोहे सुध तन मन की।

जब ते रूप निहारा -  कन्हैया......||


मोर मुकुट पीताम्बरधारी।

अलक पलक अखीअन कजरारी।।

अधर सुधारस, बरसे मधुर रस।

बह गई रस की धारा -  कन्हैया......||


शाम सिलोनां रूप खिलोनां।

चलते चलते कर गयो टोनां।।

तीर चला टेढी चितवन से।

घायल कर गयो सारा -  कन्हैया......||


बांके की सुन बांकी बांसुरिया।

बांकी हो गई नार गुजरिया।।

दिन का चैन रैन की निंदिया।

लुट गया सुख सारा - कन्हैया......||


मैं शरमाउं मर मर जाऊं।

मीत ‘‘मधुप’’ को कैसे रिझाऊं।।

हे गोविन्द मुकुन्द हरि।

अब पकड़ो हाथ हमारा -  कन्हैया......||


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