हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में लिरिक्स (Hazari likhwata hu har gyaras me Lyrics in Hindi) - Khatu Shyam Bhajan Sanjay Mittal - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में लिरिक्स (Hazari likhwata hu har gyaras me Lyrics in Hindi) - 


हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

मिलती है तन्खा मुझे बारश में


दो दिन के बदले में तीस 

दिनों तक मौज करू

अपने ठाकुर की सेवा 

भजनो से रोज करू

रहता है तू सदा भक्तो के वश में

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में.....||


दो आंसू जब बह 

जाते है चरणों में तेरे

करता है घर की 

रखवाली जा कर तू घर मेरे

झूठी ना खता हु दर पे मैं कस्मे

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में.....||


दुनिया की हर मौजे 

छूटे ग्यारस न छूटे

श्याम के संग हर बार 

तेरे दर की मस्ती लुटे

मिल गया तू मुझे भजनो के रस्मे

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में.....||



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