कुंभ मेला में हरि की भक्ति का दिव्य रूप (kumbh mele mein hari kee bhakti ka divy roop lyrics in hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

कुंभ मेला में हरि की भक्ति का दिव्य रूप (kumbh mele mein hari kee bhakti ka divy roop lyrics in hindi) - 


"कुंभ मेला में हरि की भक्ति का दिव्य रूप" एक प्रसिद्ध भजन है जो भारतीय संस्कृति और धर्म की गहरी भावना को व्यक्त करता है। यह भजन विशेष रूप से कुंभ मेला के आयोजन के दौरान गाया जाता है, जब लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान की भक्ति में लीन होते हैं।



कुंभ मेला में हरि की भक्ति का दिव्य रूप

कुंभ मेला में हरि की भक्ति का दिव्य रूप,

सभी भक्तों का मन एक सा होता है,

मिले हर दिल में हरि का प्रेम,

सभी आत्माएं परमात्मा से जुड़ी होती हैं।

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