जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही सब अँधियारा मिट गया दोहे का अर्थ(Jab Mai Tab Hari Nahi Ab Hari Hai Mai Nahi Sab Dohe Ka Arth in Hindi)

Deepak Kumar Bind

 

जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही सब अँधियारा मिट गया दोहे का अर्थ(Jab Mai Tab Hari Nahi Ab Hari Hai Mai Nahi Sab Dohe Ka Arth in Hindi):-


जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही ।
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही ।

 

जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही सब अँधियारा मिट गया दोहे का अर्थ(Jab Mai Tab Hari Nahi Ab Hari Hai Mai Nahi Sab Dohe Ka Arth in Hindi)


जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही सब अँधियारा मिट गया दोहे का अर्थ(Jab Mai Tab Hari Nahi Ab Hari Hai Mai Nahi Sab Dohe Ka Arth in Hindi):-

जब मैं अपने अहंकार में डूबा था – तब प्रभु को न देख पाता था – लेकिन जब गुरु ने ज्ञान का दीपक मेरे भीतर प्रकाशित किया तब अज्ञान का सब अन्धकार मिट गया – ज्ञान की ज्योति से अहंकार जाता रहा और ज्ञान के आलोक में प्रभु को पाया।




Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !