ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम लिरिक्स Hari Tero Ajab Niralo Kaam Lyrics in Hindi) - Kabir Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम लिरिक्स Hari Tero Ajab Niralo Kaam Lyrics in Hindi) - 


ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम

सुख में सिमरन कोई नहीं करता

दुःख में रटे तमाम

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम।


माया धन की बाँध पोटली

करता गरभ गुमान

आ माया अंत काम ना आवे

नही जाणे अज्ञान

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम।


मालीक मेरा सब कुछ तेरा

क्यो भूला इन्सान

तेरा तुमसे पाकर के नर

बण बैठा धनवान

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम।


नर तन चोला पाकर भोळा

रटयो नहीं भगवान

क्या करता क्या कर दे मालीक

नहीं समझयो तू अज्ञान

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम।


इक दिन माटी मे मिल जावे

हाड माँस और चाम

झूठी काय झूठी माया

है सांचो तेरो नाम

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम।


तू ही वाहेगुरु तू ही अल्लाह

तू ही ईश्वर राम

तू ही वाहेगुरु तू ही अल्लाह

तू ही ईश्वर राम

कहे कबीर बुला ले मैं तेरे

चरणा में करूँ विश्राम

हरी तेरा अजब निराला का

मालिक तेरा अजब निराला काम।

ओ हरी तेरो अजब नीरालो काम

सांवरिया तेरो अजब नीरालो काम।



*** Singer : Prakash Gandhi ***



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