मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स (Mere Man Me Bas Gayi Hai Mohan Chhavi Tumhari Lyrics in Hindi) - by Pandit Neeraj - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स (Mere Man Me Bas Gayi Hai Mohan Chhavi Tumhari Lyrics in Hindi) - 


मेरे मन में बस गयी है

मोहन छवि तुम्हारी

नैनों में कैसा जादू

मुस्कान कितनी प्यारी

मेरे मन में बस गई है

मोहन छवि तुम्हारी ||


तेरी अदा पे चर्चे

होते गली गली में

कैसे तुम्हे भुला दू

रहते हो मेरे दिल में

मेरी धड़कनों में तुम हो

हर सांस तुम पे वारि

मेरे मन में बस गई है

मोहन छवि तुम्हारी ||


सुन्दर सी तेरी सूरत

लगती है भोली भाली

गालों पे झूमती है

भँवरे सी लट ये काली

मीठी सी तेरी बोली

अधरों पे तेरे लाली

मेरे मन में बस गई है

मोहन छवि तुम्हारी ||


दासी यशोदा कहती

तूने जिन्दगी संवारी

अपना बनाया मुझको

मेरी हस्ती ही निखारी

जाऊं मैं तेरे सदके

तेरी हर छटा निराली

मेरे मन में बस गई है

मोहन छवि तुम्हारी ||


मेरे मन में बस गयी है

मोहन छवि तुम्हारी

नैनों में कैसा जादू

मुस्कान कितनी प्यारी

मेरे मन में बस गई है

मोहन छवि तुम्हारी ||


**  Singer - Pandit Neeraj Ji  **





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