चदरिया झीनी रे झीनी लिरिक्स (Chadariya Jheeni Re Jheeni Lyrics in Hindi) - Kabir Vani Kabir Bhajan Anup Jalota - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

चदरिया झीनी रे झीनी लिरिक्स (Chadariya Jheeni Re Jheeni Lyrics in Hindi) - 


कबीरा जब हम पैदा हुए

जग हँसेहम रोये ।

ऐसी करनी कर चलो

हम हँसेजग रोये ॥


चदरिया झीनी रे झीनी

राम नाम रस भीनी

चदरिया झीनी रे झीनी


अष्ट-कमल का चरखा बनाया

पांच तत्व की पूनी ।

नौ-दस मास बुनन को लागे

मूरख मैली किन्ही ॥

चदरिया झीनी रे झीनी...


जब मोरी चादर बन घर आई

रंगरेज को दीन्हि ।

ऐसा रंग रंगा रंगरे ने

के लालो लाल कर दीन्हि ॥

चदरिया झीनी रे झीनी...


चादर ओढ़ शंका मत करियो

ये दो दिन तुमको दीन्हि ।

मूरख लोग भेद नहीं जाने

दिन-दिन मैली कीन्हि ॥

चदरिया झीनी रे झीनी...


ध्रुव-प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी चदरिया

शुकदे में निर्मल कीन्हि ।

दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी

ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि ॥

के राम नाम रस भीनी

चदरिया झीनी रे झीनी ।


 


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