आरती कीजै हनुमान लला की लिरिक्स (Aarti Kije Hanuman Lala Ki Lyrics in Hindi) - Hanuman Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

आरती कीजै हनुमान लला की लिरिक्स (Aarti Kije Hanuman Lala Ki Lyrics in Hindi) -


आरती कीजै हनुमान लला की 
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की

जाके बल से गिरिवर काँपै
रोग दोष जाके निकट न झाँके। 
अंजनि पुत्र महा बलदायी 
संतन के प्रभु सदा सहायी॥ 
आरती कीजै हनुमान लला की । 

दे बीरा  रघुनाथ पठाये 
लंका जारी सिया सुधि लाये । 
लंका सौ कोटि समुद्र सी खाई 
जात पवनसुत बार न लाई ॥ 
आरति कीजै हनुमान लला की । 

लंका जारि असुर संघारे 
सिया रामजी के काज संवारे । 
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे 
आन संजीवन प्राण उबारे ॥ 
आरती कीजै हनुमान लला की । 

पैठि पाताल तोरी जम कारे 
अहिरावन की भुजा उखारे । 
बाँये भुजा असुरदल मारे 
दाहिने भुजा संत जन तारे ॥ 
आरति कीजै हनुमान लला की । 

सुर नर मुनि जन आरति उतारे 
जय जय जय हनुमान उचारे । 
कंचन थार कपूर लौ छाई 
आरती करती अंजना माई ॥ 
आरती कीजै हनुमान लला की । 

जो हनुमान जी की आरति गावे 
बसि वैकुण्ठ परम पद पावे । 
आरती कीजै हनुमान लला की। 
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥


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