|| हे शिव शंकर हे जटा धारी ||
हे शिव शंकर हे जटा धारी
हे शिव शंकर हे जटा धारी
सुन लो विनय हमारी
हे शिव शंकर हे जटा धारी
श्री कैलाश के स्वामी तुम्ही हो
देवो में महादेव तुम्ही हो हे डमरू धार तिरशूल धरी
तेरी महिमा सब से न्यारी शरण में तेरे जो भी आये भव सागर से वो तर जाए
हर लो विपदा सारी
हे शिव शंकर हे जटा धारी
इस जग में नहीं कोई मेरा
याहा देखु वहां गौर अँधेरा
हे दुःख बंजन हे सुख कारी
नैया लगा दो पार हमारी
हर पल तेरा ध्यान धरु मैं भोला रे
तेरा ही गुणगान करू मैं तन मन तुझपर वारि
हे शिव शंकर हे जटा धारी
पांच तत्व का बना है पिंजरा उस में बैठा हंस अकेला
ये जग दो दिन का है मेला
उड़ जाएगा हंस अकेला
दया करो हे दया के सागर
भर दो मेरी खाली गागर
भगतो के भयहारी
हे शिव शंकर हे जटा धारी
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