ॐ जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - By Anuradha Paudwal Vishnu Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

ॐ जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - 


ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे 

भक्त जनों के संकट

दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


जो ध्यावे फल पावे

दुःख बिनसे मन का

स्वामी दुःख बिनसे मन का 

सुख सम्पति घर आवे

सुख सम्पति घर आवे

कष्ट मिटे तन का ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


मात पिता तुम मेरे

शरण गहूं किसकी

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी 

तुम बिन और न दूजा

तुम बिन और न दूजा

आस करूं मैं जिसकी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


तुम पूरण परमात्मा

तुम अन्तर्यामी

स्वामी तुम अन्तर्यामी 

पारब्रह्म परमेश्वर

पारब्रह्म परमेश्वर

तुम सब के स्वामी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


तुम करुणा के सागर

तुम पालनकर्ता

स्वामी तुम पालनकर्ता 

मैं मूरख फलकामी

मैं सेवक तुम स्वामी

कृपा करो भर्ता॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


तुम हो एक अगोचर

सबके प्राणपति

स्वामी सबके प्राणपति 

किस विधि मिलूं दयामय

किस विधि मिलूं दयामय

तुमको मैं कुमति ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


दीन-बन्धु दुःख-हर्ता

ठाकुर तुम मेरे

स्वामी रक्षक तुम मेरे 

अपने हाथ उठाओ

अपने शरण लगाओ

द्वार पड़ा तेरे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


विषय-विकार मिटाओ

पाप हरो देवा

स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा 

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

सन्तन की सेवा ॥


ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे 

भक्त जनों के संकट

दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे ॥


*** Singer: Anuradha Paudwal ***



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