तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे
लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।।
मस्तक पर मलियागिरी चन्दन
केसर तिलक लगाया
मोर मुकुट कानो में कुण्डल
इत्र बहुत बरसाया
महकता रहे ये दरबार सांवरे
महकता रहे ये दरबार सांवरे
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।।
बागो से कलियाँ चुन चुन कर
सुन्दर हार बनाया
रहे सलामत हाथ सदा वो
जिसने तुम्हे सजाया
सजाता रहे वो हर बार सांवरे
सजाता रहे वो हर बार सांवरे
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।।
बोल कन्हैया बोल तुम्हे मैं
कौन सा भजन सुनाऊँ
ऐसा कोई राग बता दे
तू नाचे मैं गाऊं
नचाता रहूँ मैं हर बार सांवरे
नचाता रहूँ मैं हर बार सांवरे
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।।
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे
लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।।
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