साईं वे साढी फरियाद तेरे ताहि लिरिक्स (Sai Ve Sandhi Fariyad Tere Taahi Lyrics in Hindi) - Aardas Puneet Khurana Sai Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

साईं वे साढी फरियाद तेरे ताहि लिरिक्स (Sai Ve Sandhi Fariyad Tere Taahi Lyrics in Hindi) - 


कोई अली आखे कोई वली आखे 
कोई कहे दाता सचे मालिका नु ।
मेनू समज न आवे की नाम देवा 
एस गोल चकी दिया चालका नु ॥

रूह दा असल मालिक ओही 
मानिये जी जिदा नाम लईए ता सरुर होवे ।
अखा खुलिया नू महबूब 
दिस्से अखा बंद होवण ता हुजुर होवे ॥

कोई सौन वेले कोई नहान 
वेले कोई गौण वेले तैनू याद करदा ।
एक नजर तू मेहर दी मार 
साईं सरताज वी खड़ा फरयाद करदा ॥
टुटेजा संधू वी खड़ा फ़रेयाद करदा ॥

साईं वे साढी फरियाद तेरे ताहि 
साईं वे बह्हो फ़ढ़ बेड़ा बन्ने लाई ।
साईं वे मेरेआं  गुनाहा नु लुकाई  
साईं वे हाजरा हजूर वे तू आई ॥

साईं वे फेरा मस्कीना वाल पाई  
साईं वे बोल काक सारा दे पुगई ।
साईं वे हक विच फैसले सुनाई  
साईं वे हौली - हौली खामिया घटाई ।
साईं वे मेनू मेरे अन्द्रो मुकाई 
साईं जे डीगिये ता फर के उठाई ।
साईं वे देखि ना भरोसे आजमाई 
साईं वे औखे -सौखे रहा चो काढायीं ।
ओ साईं कला नु वी होर चमकाई 
वे सूरा  नु बिठा दे थो - थाई ।

साईं वे ताल विच तुरना सिखाई  
साईं वे साज रूस गए ता मनाई ।
साईं वे ऐहना नाल आवाज़ वे रालायी  
साईं वे अखरा दा मेल तू  कराइ ।
साईं वे कन्नी किसे गीत दी फडाई 
साईं वे शब्दा दा साथ वी निभाई ।
साईं वे नगमे नू फड़ के जगाई  
साईं वे शायरी च असर वखायीं ।
साईं वे ज़ज्बे दी वाले नु वडाई  
साईं वे गुट-गुट सब नु पेआयीं ।
साईं वे इश्कुए दा नशा वी चाडायीं 
साईं वे सैर तू ख्यालां नू कराई ।
साईं वे  तारेआं दे देश ली के जावीं  
साईं वे फुफिया दे वांगरा नचाई ।

साईं वे असी सज बैठे चाईं-चाईं  
साईं वे थोड़ी बौती अदा वी सिखाई ।
साईं वे मेरे  नाल- नाल  तू वे गायीं ।
साईं वे साईं  लाज सरताज दी बचाई 
साईं वे भुलेये नू  ऊँगली फराई ।
साईं वे अग्गे हो के राह रोषनयी 
साईं वे नेहरा विच पल्ले ना छुडायीं ।
साईं वे जिंदगी दे भोज नु चुकाई  
साईं वे फिखारा नु हवा च उढाई ।
साईं वे सारे लगे दाग वी धोअई  
साईं वे सिले-सिले नैना नु सुखाई ।

साईं वे दिला दे गुलाब महकाई 
साईं वे बस पट्टी  प्यार दी पढ़ाईं ।
साईं वे पाक साफ़ रहा नु मलाई  
साईं वे बच्चेआ दे वंगु समझाईं ।
साईं वे माड़े कामो घूर के हटाई  
साईं वे खोटेया नु खरे च मिलाई ।
साईं वे लोहे नाल पारस कसाई 
साईं वे मेहेंता दे मूल वे पवाई ।

ओ साईं वे मारेया दी मंदी न विखाई 
साईं वे देखि हून देर न लगाई ।
साईं वे दारां ते खरे हा खैर पाई 
साईं वे महरा वाले मीह वि वरसाई ।
साईं वे अकला दे घड़े नु पराई  
साईं वे घुम्बद गरूर दे गिराई ।
साईं वे आग वंगु  हौसले  पखाई  
साईं वे अम्बरा तोह सोच  मंगवाई ।
साईं वे अपे वाज़ मार के बुलाई  
साईं वे हुन सानु  कोल वे बिठाई ।
साईं वे अपने ही रंग च रंगाई  
साईं वे मैं हर वेहले करां साईं साईं ।

साईं वे तोते वांगु बोल वी रटाई  
साईं वे आत्मा दा दीवा वी जगाई ।
साईं वे अनहद नाद तू वजाई  
साईं वे रूहानी कोई तार छेड़ जाईं ।
साईं वे सच्ची(honest) सरताज वी बनाई ।
साईं वे सच्ची टुटेजा वी बनाई साईं साईं साईं ॥



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