बांस की बांसुरिया पे घणो इतरावे लिरिक्स (Baans Ki Basuriya Pe Ghano Itrave Lyrics in Hindi) -
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे
कोई सोना की जो
होती हीरा मोत्यां की जो होती
जाणे कांई करतो कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
जेल में जनम लेके घणो इतरावे
कोई महलां में जो
होतो कोई अंगना में जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
देवकी रे जन्म लेके घणो इतरावे
कोई यशोदा के जो
होतो मां यशोदा के जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
गाय को ग्वालो होके घणो इतरावे
कोई गुरूकुल में जो होतो
कोई विद्यालय में जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
गुजरया की छोरियां पे घणो इतरावे
ब्राह्मण बनिया की जो होती
सेठ ठाकुरां की जो होती
जाणे कांई करतो कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
सांवली सुरतिया पे घणो इतरावे
कोई गोरो सो जो होतो
कोई सोणो सो जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
माखन और मिश्री पे घणो इतरावे
छप्पन भोग जो होतो काजू मेवा जो होतो
जाणे कांई करतो... कांई करतो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे.....||
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