अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली (Ambey tu hai jagdambe kaali Lyrics in Hindi) - Ambe Aarti Anuradha Paudwal - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली (Ambey tu hai jagdambe kaali Lyrics in Hindi) - 


अम्बे तू है जगदम्बे काली

जय दुर्गे खप्पर वाली

तेर ही गुण गायें भारती

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।


तेर भक्त जानो पर 

मैया भीड़ पड़ी है भारी

दानव दल पर टूट पड़ो 

माँ कर के सिंह सवारी ।


सो सो सिंघो से है बलशाली

है दस भुजाओं वाली

दुखिओं के दुखड़े निवारती ।


माँ बेटे की है इस 

जग में बड़ा ही निर्मल नाता

पूत कपूत सुने है पर 

ना माता सुनी कुमाता ।


सबपे करुना बरसाने वाली

अमृत बरसाने वाली

दुखिओं के दुखड़े निवारती ।


नहीं मांगते धन और 

दौलत ना चांदी ना सोना

हम तो मांगे माँ तेरे मन 

में एक छोटा सा कोना ।


सब की बिगड़ी बनाने वाली

लाज बचाने वाली

सतिओं के सत को सवारती ।




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