रानी सती दादी मनका 108 लिरिक्स

Deepak Kumar Bind


रानी सती दादी मनका 108 लिरिक्स 

दीन हीन का दुःख हरने 

को जन गण मङ्गल करने को

शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम 

पतित पावन दादी नाम। [1]


यह शक्ति है माँ जगदम्बा 

यही भवानी दुर्गे अम्बा

नारायणी है इसका नाम 

पतित पावन दादी नाम। [2]


पीढी दर पीढी का रिश्ता 

तब ही दादी नाम है इसका

कुल देवी को करो प्रणाम 

पतित पावन दादी नाम। [3]


है अमोध दादी की शक्ति 

सदियों से करते सब भक्ति

पूजते हैं त्रिशूल निशान 

पतित पावन दादी नाम। [4]


माँ शक्ति का अलख जगाऊं 

दादी माँ की बात बताऊं

है स्वयं शक्ति दुर्गा महान 

पतित पावन दादी नाम। [5]


जानत हैं सबही नर नारी 

युद्ध हुआ महाभारत भारी

था वो धर्म कर्म संग्राम 

पतित पावन दादी नाम। [6]


कौरव पाण्डव हुई लडाई 

लीला प्रभु ने अज़ब दिखाई

बने सारथी स्वयं भगवान 

पतित पावन दादी नाम। [7]


गीता में उपदेश दिया है 

जग को यह संदेश दिया है

कर्म करो तज फल का ध्यान 

पतित पावन दादी नाम। [8]


जब जब धरती पे धर्म लुटेगा 

और पाप का कर्म बढ़ेगा

अवतारेंगे श्री भगवान 

पतित पावन दादी नाम। [9]


अभिमन्यु अर्जुन का लाल 

मंडराया जब उसका काल

कूदा रण में वह बलवान 

पतित पावन दादी नाम। [10]


चक्रव्यूह की लड़ी लडाई 

वीर गति अभिमन्यु पाई

गया वीर वह तो सुरधाम 

पतित पावन दादी नाम। [11]


उत्तरा अभिमन्यु की नारी 

पति धर्म का सत था भारी

उस देवी को करों प्रणाम 

पतित पावन दादी नाम। [12]


देख़ पति परलोक सिधारे 

उत्तरा  ने यों वचन उचारे

जीवन हुआ आज निष्प्राण 

पतित पावन दादी नाम। [13]


जाऊँ मैंं भी संग पति के 

ख़ूब चढ़ा यह रंग मति पे

सत से मैंं भी करूँ प्रयाण 

पतित पावन दादी नाम। [14]


देख नारी का हट अति भारी 

बोले प्रभु से सब नर नारी

करो समस्या का समाधान 

पतित पावन दादी नाम। [15]


प्रभु ने सबको यों समझाया 

छोड़ों सबही मोह और माया

होगा वही जो विधि विधान 

पतित पावन दादी नाम। [16]


बोले फिर उत्तरा से  जाय 

ऐसी घड़ी अभी नहीं आई

कर तू धर्म कर्म का ध्यान 

पतित पावन दादी नाम। [17]


तू  है गर्भवती एक नारी 

फिर कैसे ये बात विचारी

सोच ले क्या होगा अंजाम 

पतित पावन दादी नाम। [18]


अब तजे जीवन पाप लगेगा 

कोख़ से तेरे निशा मिटेगा

नहीं है इसमें तेरी शान 

पतित पावन दादी नाम। [19]


कोख से जो बालक जन्मेगा 

नाम परीक्षित उसका होगा

बनेगा राजा बड़ा महान 

पतित पावन दादी नाम। [20]


बजेगी जग़ में उसकी भेरी 

सुन ले बात आज तू मेरी

होगा तेरा अमर निशान 

पतित पावन दादी नाम। [21]


बात सुन उत्तरा चकराई 

बोली प्रभु से मन सकुचाई

तेरी लीला तेरे नाम 

पतित पावन दादी नाम। [22]


प्रभु जी फिर दया कर 

बोले थोड़ा सा मुस्कुरा कर बोले

सुन लो अब तुम अमर 

ज्ञान पतित पावन दादी नाम। [23]


निराकार ने दे आकार

किया शृष्टि का है श्रृंगार

स्वयं रहता है अंतर्ध्यान 

पतित पावन दादी नाम। [24]


जो आया है वह जायेगा 

नहीं यहाँ पर रुक पायेगा

जड़ चेतन सब एक समान 

पतित पावन दादी नाम। [25]


सत की शक्ति तन मन 

आई तब उसने यह व्यथा बताई

इच्छा होती बड़ी बलवान 

पतित पावन दादी नाम। [26]


जग को सत्य का भान कराऊं

सत शक्ति पहचान बताऊँ

देवों अभिलाषा पर ध्यान 

पतित पावन दादी नाम। [27]


सत्य ही है सत का आधार 

बोले जग के करुणाधार

इस से ही सब का कल्याण 

पतित पावन दादी नाम। [28]


जो अभिलाषा रही 

अधूरी होगी वह कलयुग में पूरी

देता तुझे आज वरदान 

पतित पावन दादी नाम। [29]


अभिमन्यु तनधन दास बनेगा 

वैश्य के घर में वह जन्मेगा

होगा नारायणी तेरा नाम 

पतित पावन दादी नाम। [30]


युद्ध वहाँ पर होगा भारी 

जब तू सत दिखलाना नारी

कर शत्रु का काम तमाम 

पतित पावन दादी नाम। [31]


शक्ति रुप वहाँ दिखलाना 

जग के सारे कष्ट मिटाना

पूजेंगे सब सुबह शाम 

पतित पावन दादी नाम। [32 ]


संवत तेरह सौ अड़तीस 

प्रकटी शक्ति कलयुग बीच

पूरण करने सत अभियान 

पतित पावन दादी नाम । [33]


कार्तिक शुक्ला अष्टमी बीती 

आई नवमी की शुभ तिथि

मंगलवार जन्मी गुण खान 

पतित पावन दादी नाम । [34]


महम डोकवा जिला हिसार 

अग्रवाल घर लिया अवतार

बतलाने सत की पहचान 

पतित पावन दादी नाम । [35]


सेठ गुरसामल था बड़ा 

नामी जन्मी उसके घर नारायणी

माता का सुलोचना नाम 

पतित पावन दादी नाम । [36]


बचपन से ही गज़ब वो 

ढाए होनहार के रंग दिखलाए

जल्दी पढ़ लिए वेद पुराण 

पतित पावन दादी नाम । [37]


राधा रुक्मण कृष्ण मुरारी 

त्रिमूर्ति संग बात विचारी

आज चले लेने इम्तिहान 

पतित पावन दादी नाम । [38]


झट साधु का वेश बनाया 

द्वारे आकर अलख जगाया

बोले जय जय सियाराम 

पतित पावन दादी नाम । [39]


माता ने की है अगुवाई 

चरणों में गिर धोक लगाई

स्वीकारो मेरा प्रणाम 

पतित पावन दादी नाम । [40]


बड़े भाग्य जो आए 

साई बोली सेठाणी मुस्काई

देखों बेटी के दिनमान 

पतित पावन दादी नाम । [41]


बेटी बड़े भाग्य जन्मी है 

बस इसमें तो एक कमी है

सूनी होगी जल्दी माँग 

पतित पावन दादी नाम । [42]


सुनकर माँ को मूर्छा आई 

बेटी ने जब नैन मिलाई

झट से गई उन्हें पहचान 

पतित पावन दादी नाम । [43]


करती हूँ प्रणाम मैं सबको 

असली रुप दिखाओं मुझकों

विनती सुन लो दया निधान 

पतित पावन दादी नाम । [44]


सबने अपना रुप दिखाया 

नारायणी ने आशीष पाया

हो गए फिर वो अंतर्ध्यान 

पतित पावन दादी नाम । [45]


अभिमन्यू जो वीर कहाए 

कलयुग में तनधन बन आए

जन्मे गाँव हिसार है नाम 

पतित पावन दादी नाम । [46]


बंसल गौत्र में जनम लिया है 

और शक्ति का वरण किया है

धन्य किया है कुल का नाम 

पतित पावन दादी नाम । [47]


माता शारदा बहना श्यामा 

अनुज है उनके कमलारामा

पिता श्री है झालीराम 

पतित पावन दादी नाम । [48]


मात पिता की सेवा करते 

विपदा से वे कभी ना डरते

थे वे वीर धीर गुणवान 

पतित पावन दादी नाम । [49]


था नवाब हिसार का धड़कंद 

आई है जब उसको अड़चन

सोचे किसे बनाऊँ दीवान 

पतित पावन दादी नाम । [50]


मंत्रीगण ने उससे सुझाया  

 झालीराम जी का नाम बताया    

देवो उनको यह सम्मान  

 पतित पावन दादी नाम । [51]


झालीराम को झट बुलवाया  

 प्रेम सहित आदेश सुनाया    

आप सम्भालो पद दीवान  

  पतित पावन दादी नाम । [52]


विवाह योग्य जब हुई है बाई  

  मात पिता मन चिंता छाई    

कर दे अब तो कन्यादान  

  पतित पावन दादी नाम । [53]


लागे ढूंढ़ने वर उस लायक  

  गुणी वीर सुन्दर सुखदायक    

मिला नहीं हो रहे हैरान  

  पतित पावन दादी नाम । [54]


बाई ने जब ध्यान लगाया  

  प्रभु ने उसका हृदय जगाया    

हुआ बोध पति तनधन नाम  

  पतित पावन दादी नाम । [55]


मात पिता को जब यह बताया  

  तनधन जी का लगन भिजवाया    

आए पूरण कर सब काम  

  पतित पावन दादी नाम । [56]


संवत तेरह सौ इक्यावन  

  विवाह घड़ी जब आई पावन    

गूँजा शहनाई पर गान  

  पतित पावन दादी नाम । [57]


मंगसर बदी नवमी मंगलवार  

  बनी नाराणी तनधन नार    

आशीर्वाद दिया भगवान  

  पतित पावन दादी नाम । [58]


मात पिता ने सीख बताई  

  और बेटी को दी है विदाई    

रखना हमेशा कुल का मान  

  पतित पावन दादी नाम । [59]


बाई जब ससुराल पधारी  

  देख के बतलाए नर नारी    

आई देवी घर दीवान  

  पतित पावन दादी नाम । [60]


धड़कंद का बेटा शहजादा  

  तनधन के संग खेलने जाता    

दो शरीर पर एक थे प्राण  

  पतित पावन दादी नाम । [61]


घोड़ी सुन्दर थी अति प्यारी  

  तनधन जिस पर करे सवारी    

वही निमित्त हुई वरदान  

  पतित पावन दादी नाम । [62]


शहज़ादे का मन ललचाया  

  तनधन जिस पर करे सवारी    

छोड़ दे तू घौड़ी का ध्यान  

  पतित पावन दादी नाम । [63]


होनी ने जब रंग दिखलाया  

  घोड़ी चुराने मन भरमाया    

गया रात में वह नादान  

  पतित पावन दादी नाम । [64]


जाग हुई जब भगा बेचारा  

  तनधन ने तब भाला मारा    

निकले शहज़ादे के प्राण  

  पतित पावन दादी नाम । [65]


लाश देख सभी घबराए  

  सीमा पार झुंझुनू आए    

रातों रात चले अविराम  

  पतित पावन दादी नाम । [66]


दुःख हुआ धड़कंद को भारी  

  करे विलाप मात और नारी    

सूनी हुई कोख और माँग  

  पतित पावन दादी नाम । [67]


धड़कंद कहे सुनो दरबारी  

  कर लो बदले की तैयारी    

सभी रखो तनधन का ध्यान  

  पतित पावन दादी नाम । [68]


गौने का जब दिन है आया  

  तनधन को ससुराल पठाया    

संग भेजा राणा बलवान  

  पतित पावन दादी नाम । [69]


कर गौना जब हुई है विदाई  

  अपशकुनों की बाढ़ सी आई    

चले बोलते जय जय राम  

  पतित पावन दादी नाम । [70]


गुप्तचरों ने खबर सुनाई  

  धड़चंद ने फौजें भिजवाई    

करो तनधन का काम तमाम  

  पतित पावन दादी नाम [71]


जंगल बीच हुई है लड़ाई  

  तनधन ने वीरता दिखाई    

मारे शत्रु के बहुत जवान  

  पतित पावन दादी नाम [72]


पीछे से वार किया दुश्मन ने  

  वीरगति पाई तनधन ने    

हुआ अमर उनका बलिदान  

  पतित पावन दादी नाम [73]


नारायणी ने जब यह देखा  

  चढ़ा जोश तब उससे अनोख़ा    

कूदी रण में भृकुटी तान  

  पतित पावन दादी नाम [74]


हाथों में तलवार है चमकी  

  और साथ में चूड़िया ख़नकी    

बोली मिटाऊँ तेरा नामो निशाँ  

  पतित पावन दादी नाम [75]


रणचंडी जब रूप दिखाया  

  दुश्मन ने तब होश गँवाया    

देख रूप विकराल महान  

  पतित पावन दादी नाम [76]


कर दुश्मन का साफ़ सफाया  

  राणा को आदेश सुनाया    

अब हम चलते अपने धाम  

  पतित पावन दादी नाम [77]


वह संवत तेरह सौ बावन  

  जब यह धरती हुई है पावन    

लहराया ध्वज सत का आन  

  पतित पावन दादी नाम [78]


मंगसर बदी नवमी मंगलवार  

  सत चढ़ा है अपरम्पार    

शक्ति का किया आव्हान  

  पतित पावन दादी नाम [79]


मुख मण्डल पर तेज है दमके  

  जैसे नभ में बिजली चमके    

छाई होठों पर मुस्कान  

  पतित पावन दादी नाम [80]


अग्नि सत से स्वयं प्रकटी  

  शक्ति ने सत की ज्योत दिखाई    

चमके धरती और आसमान  

  पतित पावन दादी नाम [81]


पञ्चतत्व देह हुआ विलीन  

  शक्ति हुई शक्ति में लीन    

शेष भस्मी अवशेष समान  

  पतित पावन दादी नाम [82 ]


दृश्य देख राणा चकराया  

  झट दुर्गा का रूप दिखाया    

कर रहे वर्षा पुष्प विमान  

  पतित पावन दादी नाम [83 ]


बाएँ कर त्रिशूल है चमके  

  दाएँ में स्वास्तिक भी दमके    

आभा मुख मण्डल की महान  

  पतित पावन दादी नाम [84 ]


धन्य हुआ राणा का जीवन  

  बोला विनती कर मन ही मन    

जय भवानी जय दुर्गा नाम  

  पतित पावन दादी नाम [85 ]


राणा ने प्रणाम किया है  

  माँ ने आशीवाद दिया है    

संग मेरे पुजेगा तेरा नाम  

  पतित पावन दादी नाम [86 ]


भस्मी कलश ले झुंझुनू आया  

  घौड़ा रुका वहीँ पे लगाया    

समाधी मंदिर है आलिशान  

  पतित पावन दादी नाम [87 ]


बरस सात सौ की यह दादी  

  हो गई दादी की पड़दादी    

अमर रहेगा इसका नाम  

  पतित पावन दादी नाम [88 ]


जनम मरण और परण दादी का  

  वार मंगल और नौमी तिथि का    

संगम और संयोग महान  

  पतित पावन दादी नाम [89 ]


नौ का अंक पूरण कहलाता  

  मंगल भी मंगल का दाता    

दादी पूरण शक्ति निधान  

  पतित पावन दादी नाम [90 ]


हुई नारायणी जग में विख्यात  

  बन कर दादी राणी शक्ति मात    

पूजे माँ को सारा जहान  

  पतित पावन दादी नाम [91 ]


माँ दुर्गा की है अवतार  

  कोई ना पावै इसका पार    

युग युग में अवतारी नाम  

  पतित पावन दादी नाम [92 ]


लक्ष्मी शारदा उमा काली  

  वैष्णवी काली में झुंझुनू वाली    

सब पर्यायवाची इसके नाम  

  पतित पावन दादी नाम  [93 ]


शक्ति की जो बात है मूल  

  वाही दादी निशाँ त्रिशूल    

है इसका स्पष्ट प्रमाण  

  पतित पावन दादी नाम [94 ]


देख शक्ति का धाम निराला  

  सब देवों ने डेरा डाला    

सुर संगम हैं दादी धाम  

  पतित पावन दादी नाम [95 ]


इतर देव सब यहाँ बिराजै  

  बैठे शिव दरबार लगाके    

हनुमत कंधे लक्ष्मण राम  

  पतित पावन दादी नाम [96 ]


षोडष शक्ति नव दुर्गाये  

  त्रिमूर्ति नवग्रह मुस्काए    

सब दिग्पाल संभाले काम  

  पतित पावन दादी नाम [97]


कुल देवी दादी महारानी

नहींं है इसका कोई सानी

करती कली में माँ कल्याण

पतित पावन दादी नाम [98 ]


दादी की जग में है ख़्याति

संग में बहिनों को पुजवाती

तनधन पित्तर शक्तिमान

पतित पावन दादी नाम [99 ]


जो भी मन से पूजे इसको

दादी दर्शन देती उसको

जात पात का नहींं है काम

पतित पावन दादी नाम  [100 ]


रोली मोली मेहंदी चावल

धूप पुष्प दीपक और श्रीफल

पूजा का इनसे ही विधान

पतित पावन दादी नाम। [101]


चूड़ा चुनड़ भेंट चढ़ावे

बहिन बेटी के काम वो आवै

रखती दादी सबका मान

पतित पावन दादी नाम [102 ]


माँ दादी सब शक्ति के रूप

नारी स्वयं भी शक्ति स्वरुप

शक्ति पूजा नारी सम्मान

पतित पावन दादी नाम [103]


जितनी भी शक्तियां है कलि में

राणीशक्ति सिरमौर सभी में

इस शक्ति को करो प्रणाम

पतित पावन दादी नाम [104 ]


महिमा दादी की अतिभारी

मंगल भवन अमंगल हारी

गुण गावे सब वेद पुराण

पतित पावन दादी नाम [105]


यहाँ मंगल मनका पुष्पोहार

कर दे तुझको भव से पार

कर अर्पण दादी के नाम

पतित पावन दादी नाम [106]


पाठ करे जो मंगल मनका

कष्ट हरे माँ उसके तनका

पूरे हो उसके अरमान

पतित पावन दादी नाम  [107]


श्री कृष्ण ने लीला गाई

दयाकर सुन ले मेरी माई

भूलूँ नहीं मैंं तेरा नाम

पतित पावन दादी नाम [108]


मंगल माला पूरी हुई मनका एक सौ आठ

मनोकामना पूर्ण हो नित्य करे जो पाठ

|| नित्य करे जो पाठ नित्य करे जो पाठ ||

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