रानी सती दादी मनका 108 लिरिक्स
दीन हीन का दुःख हरने
को जन गण मङ्गल करने को
शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम
पतित पावन दादी नाम। [1]
यह शक्ति है माँ जगदम्बा
यही भवानी दुर्गे अम्बा
नारायणी है इसका नाम
पतित पावन दादी नाम। [2]
पीढी दर पीढी का रिश्ता
तब ही दादी नाम है इसका
कुल देवी को करो प्रणाम
पतित पावन दादी नाम। [3]
है अमोध दादी की शक्ति
सदियों से करते सब भक्ति
पूजते हैं त्रिशूल निशान
पतित पावन दादी नाम। [4]
माँ शक्ति का अलख जगाऊं
दादी माँ की बात बताऊं
है स्वयं शक्ति दुर्गा महान
पतित पावन दादी नाम। [5]
जानत हैं सबही नर नारी
युद्ध हुआ महाभारत भारी
था वो धर्म कर्म संग्राम
पतित पावन दादी नाम। [6]
कौरव पाण्डव हुई लडाई
लीला प्रभु ने अज़ब दिखाई
बने सारथी स्वयं भगवान
पतित पावन दादी नाम। [7]
गीता में उपदेश दिया है
जग को यह संदेश दिया है
कर्म करो तज फल का ध्यान
पतित पावन दादी नाम। [8]
जब जब धरती पे धर्म लुटेगा
और पाप का कर्म बढ़ेगा
अवतारेंगे श्री भगवान
पतित पावन दादी नाम। [9]
अभिमन्यु अर्जुन का लाल
मंडराया जब उसका काल
कूदा रण में वह बलवान
पतित पावन दादी नाम। [10]
चक्रव्यूह की लड़ी लडाई
वीर गति अभिमन्यु पाई
गया वीर वह तो सुरधाम
पतित पावन दादी नाम। [11]
उत्तरा अभिमन्यु की नारी
पति धर्म का सत था भारी
उस देवी को करों प्रणाम
पतित पावन दादी नाम। [12]
देख़ पति परलोक सिधारे
उत्तरा ने यों वचन उचारे
जीवन हुआ आज निष्प्राण
पतित पावन दादी नाम। [13]
जाऊँ मैंं भी संग पति के
ख़ूब चढ़ा यह रंग मति पे
सत से मैंं भी करूँ प्रयाण
पतित पावन दादी नाम। [14]
देख नारी का हट अति भारी
बोले प्रभु से सब नर नारी
करो समस्या का समाधान
पतित पावन दादी नाम। [15]
प्रभु ने सबको यों समझाया
छोड़ों सबही मोह और माया
होगा वही जो विधि विधान
पतित पावन दादी नाम। [16]
बोले फिर उत्तरा से जाय
ऐसी घड़ी अभी नहीं आई
कर तू धर्म कर्म का ध्यान
पतित पावन दादी नाम। [17]
तू है गर्भवती एक नारी
फिर कैसे ये बात विचारी
सोच ले क्या होगा अंजाम
पतित पावन दादी नाम। [18]
अब तजे जीवन पाप लगेगा
कोख़ से तेरे निशा मिटेगा
नहीं है इसमें तेरी शान
पतित पावन दादी नाम। [19]
कोख से जो बालक जन्मेगा
नाम परीक्षित उसका होगा
बनेगा राजा बड़ा महान
पतित पावन दादी नाम। [20]
बजेगी जग़ में उसकी भेरी
सुन ले बात आज तू मेरी
होगा तेरा अमर निशान
पतित पावन दादी नाम। [21]
बात सुन उत्तरा चकराई
बोली प्रभु से मन सकुचाई
तेरी लीला तेरे नाम
पतित पावन दादी नाम। [22]
प्रभु जी फिर दया कर
बोले थोड़ा सा मुस्कुरा कर बोले
सुन लो अब तुम अमर
ज्ञान पतित पावन दादी नाम। [23]
निराकार ने दे आकार
किया शृष्टि का है श्रृंगार
स्वयं रहता है अंतर्ध्यान
पतित पावन दादी नाम। [24]
जो आया है वह जायेगा
नहीं यहाँ पर रुक पायेगा
जड़ चेतन सब एक समान
पतित पावन दादी नाम। [25]
सत की शक्ति तन मन
आई तब उसने यह व्यथा बताई
इच्छा होती बड़ी बलवान
पतित पावन दादी नाम। [26]
जग को सत्य का भान कराऊं
सत शक्ति पहचान बताऊँ
देवों अभिलाषा पर ध्यान
पतित पावन दादी नाम। [27]
सत्य ही है सत का आधार
बोले जग के करुणाधार
इस से ही सब का कल्याण
पतित पावन दादी नाम। [28]
जो अभिलाषा रही
अधूरी होगी वह कलयुग में पूरी
देता तुझे आज वरदान
पतित पावन दादी नाम। [29]
अभिमन्यु तनधन दास बनेगा
वैश्य के घर में वह जन्मेगा
होगा नारायणी तेरा नाम
पतित पावन दादी नाम। [30]
युद्ध वहाँ पर होगा भारी
जब तू सत दिखलाना नारी
कर शत्रु का काम तमाम
पतित पावन दादी नाम। [31]
शक्ति रुप वहाँ दिखलाना
जग के सारे कष्ट मिटाना
पूजेंगे सब सुबह शाम
पतित पावन दादी नाम। [32 ]
संवत तेरह सौ अड़तीस
प्रकटी शक्ति कलयुग बीच
पूरण करने सत अभियान
पतित पावन दादी नाम । [33]
कार्तिक शुक्ला अष्टमी बीती
आई नवमी की शुभ तिथि
मंगलवार जन्मी गुण खान
पतित पावन दादी नाम । [34]
महम डोकवा जिला हिसार
अग्रवाल घर लिया अवतार
बतलाने सत की पहचान
पतित पावन दादी नाम । [35]
सेठ गुरसामल था बड़ा
नामी जन्मी उसके घर नारायणी
माता का सुलोचना नाम
पतित पावन दादी नाम । [36]
बचपन से ही गज़ब वो
ढाए होनहार के रंग दिखलाए
जल्दी पढ़ लिए वेद पुराण
पतित पावन दादी नाम । [37]
राधा रुक्मण कृष्ण मुरारी
त्रिमूर्ति संग बात विचारी
आज चले लेने इम्तिहान
पतित पावन दादी नाम । [38]
झट साधु का वेश बनाया
द्वारे आकर अलख जगाया
बोले जय जय सियाराम
पतित पावन दादी नाम । [39]
माता ने की है अगुवाई
चरणों में गिर धोक लगाई
स्वीकारो मेरा प्रणाम
पतित पावन दादी नाम । [40]
बड़े भाग्य जो आए
साई बोली सेठाणी मुस्काई
देखों बेटी के दिनमान
पतित पावन दादी नाम । [41]
बेटी बड़े भाग्य जन्मी है
बस इसमें तो एक कमी है
सूनी होगी जल्दी माँग
पतित पावन दादी नाम । [42]
सुनकर माँ को मूर्छा आई
बेटी ने जब नैन मिलाई
झट से गई उन्हें पहचान
पतित पावन दादी नाम । [43]
करती हूँ प्रणाम मैं सबको
असली रुप दिखाओं मुझकों
विनती सुन लो दया निधान
पतित पावन दादी नाम । [44]
सबने अपना रुप दिखाया
नारायणी ने आशीष पाया
हो गए फिर वो अंतर्ध्यान
पतित पावन दादी नाम । [45]
अभिमन्यू जो वीर कहाए
कलयुग में तनधन बन आए
जन्मे गाँव हिसार है नाम
पतित पावन दादी नाम । [46]
बंसल गौत्र में जनम लिया है
और शक्ति का वरण किया है
धन्य किया है कुल का नाम
पतित पावन दादी नाम । [47]
माता शारदा बहना श्यामा
अनुज है उनके कमलारामा
पिता श्री है झालीराम
पतित पावन दादी नाम । [48]
मात पिता की सेवा करते
विपदा से वे कभी ना डरते
थे वे वीर धीर गुणवान
पतित पावन दादी नाम । [49]
था नवाब हिसार का धड़कंद
आई है जब उसको अड़चन
सोचे किसे बनाऊँ दीवान
पतित पावन दादी नाम । [50]
मंत्रीगण ने उससे सुझाया
झालीराम जी का नाम बताया
देवो उनको यह सम्मान
पतित पावन दादी नाम । [51]
झालीराम को झट बुलवाया
प्रेम सहित आदेश सुनाया
आप सम्भालो पद दीवान
पतित पावन दादी नाम । [52]
विवाह योग्य जब हुई है बाई
मात पिता मन चिंता छाई
कर दे अब तो कन्यादान
पतित पावन दादी नाम । [53]
लागे ढूंढ़ने वर उस लायक
गुणी वीर सुन्दर सुखदायक
मिला नहीं हो रहे हैरान
पतित पावन दादी नाम । [54]
बाई ने जब ध्यान लगाया
प्रभु ने उसका हृदय जगाया
हुआ बोध पति तनधन नाम
पतित पावन दादी नाम । [55]
मात पिता को जब यह बताया
तनधन जी का लगन भिजवाया
आए पूरण कर सब काम
पतित पावन दादी नाम । [56]
संवत तेरह सौ इक्यावन
विवाह घड़ी जब आई पावन
गूँजा शहनाई पर गान
पतित पावन दादी नाम । [57]
मंगसर बदी नवमी मंगलवार
बनी नाराणी तनधन नार
आशीर्वाद दिया भगवान
पतित पावन दादी नाम । [58]
मात पिता ने सीख बताई
और बेटी को दी है विदाई
रखना हमेशा कुल का मान
पतित पावन दादी नाम । [59]
बाई जब ससुराल पधारी
देख के बतलाए नर नारी
आई देवी घर दीवान
पतित पावन दादी नाम । [60]
धड़कंद का बेटा शहजादा
तनधन के संग खेलने जाता
दो शरीर पर एक थे प्राण
पतित पावन दादी नाम । [61]
घोड़ी सुन्दर थी अति प्यारी
तनधन जिस पर करे सवारी
वही निमित्त हुई वरदान
पतित पावन दादी नाम । [62]
शहज़ादे का मन ललचाया
तनधन जिस पर करे सवारी
छोड़ दे तू घौड़ी का ध्यान
पतित पावन दादी नाम । [63]
होनी ने जब रंग दिखलाया
घोड़ी चुराने मन भरमाया
गया रात में वह नादान
पतित पावन दादी नाम । [64]
जाग हुई जब भगा बेचारा
तनधन ने तब भाला मारा
निकले शहज़ादे के प्राण
पतित पावन दादी नाम । [65]
लाश देख सभी घबराए
सीमा पार झुंझुनू आए
रातों रात चले अविराम
पतित पावन दादी नाम । [66]
दुःख हुआ धड़कंद को भारी
करे विलाप मात और नारी
सूनी हुई कोख और माँग
पतित पावन दादी नाम । [67]
धड़कंद कहे सुनो दरबारी
कर लो बदले की तैयारी
सभी रखो तनधन का ध्यान
पतित पावन दादी नाम । [68]
गौने का जब दिन है आया
तनधन को ससुराल पठाया
संग भेजा राणा बलवान
पतित पावन दादी नाम । [69]
कर गौना जब हुई है विदाई
अपशकुनों की बाढ़ सी आई
चले बोलते जय जय राम
पतित पावन दादी नाम । [70]
गुप्तचरों ने खबर सुनाई
धड़चंद ने फौजें भिजवाई
करो तनधन का काम तमाम
पतित पावन दादी नाम [71]
जंगल बीच हुई है लड़ाई
तनधन ने वीरता दिखाई
मारे शत्रु के बहुत जवान
पतित पावन दादी नाम [72]
पीछे से वार किया दुश्मन ने
वीरगति पाई तनधन ने
हुआ अमर उनका बलिदान
पतित पावन दादी नाम [73]
नारायणी ने जब यह देखा
चढ़ा जोश तब उससे अनोख़ा
कूदी रण में भृकुटी तान
पतित पावन दादी नाम [74]
हाथों में तलवार है चमकी
और साथ में चूड़िया ख़नकी
बोली मिटाऊँ तेरा नामो निशाँ
पतित पावन दादी नाम [75]
रणचंडी जब रूप दिखाया
दुश्मन ने तब होश गँवाया
देख रूप विकराल महान
पतित पावन दादी नाम [76]
कर दुश्मन का साफ़ सफाया
राणा को आदेश सुनाया
अब हम चलते अपने धाम
पतित पावन दादी नाम [77]
वह संवत तेरह सौ बावन
जब यह धरती हुई है पावन
लहराया ध्वज सत का आन
पतित पावन दादी नाम [78]
मंगसर बदी नवमी मंगलवार
सत चढ़ा है अपरम्पार
शक्ति का किया आव्हान
पतित पावन दादी नाम [79]
मुख मण्डल पर तेज है दमके
जैसे नभ में बिजली चमके
छाई होठों पर मुस्कान
पतित पावन दादी नाम [80]
अग्नि सत से स्वयं प्रकटी
शक्ति ने सत की ज्योत दिखाई
चमके धरती और आसमान
पतित पावन दादी नाम [81]
पञ्चतत्व देह हुआ विलीन
शक्ति हुई शक्ति में लीन
शेष भस्मी अवशेष समान
पतित पावन दादी नाम [82 ]
दृश्य देख राणा चकराया
झट दुर्गा का रूप दिखाया
कर रहे वर्षा पुष्प विमान
पतित पावन दादी नाम [83 ]
बाएँ कर त्रिशूल है चमके
दाएँ में स्वास्तिक भी दमके
आभा मुख मण्डल की महान
पतित पावन दादी नाम [84 ]
धन्य हुआ राणा का जीवन
बोला विनती कर मन ही मन
जय भवानी जय दुर्गा नाम
पतित पावन दादी नाम [85 ]
राणा ने प्रणाम किया है
माँ ने आशीवाद दिया है
संग मेरे पुजेगा तेरा नाम
पतित पावन दादी नाम [86 ]
भस्मी कलश ले झुंझुनू आया
घौड़ा रुका वहीँ पे लगाया
समाधी मंदिर है आलिशान
पतित पावन दादी नाम [87 ]
बरस सात सौ की यह दादी
हो गई दादी की पड़दादी
अमर रहेगा इसका नाम
पतित पावन दादी नाम [88 ]
जनम मरण और परण दादी का
वार मंगल और नौमी तिथि का
संगम और संयोग महान
पतित पावन दादी नाम [89 ]
नौ का अंक पूरण कहलाता
मंगल भी मंगल का दाता
दादी पूरण शक्ति निधान
पतित पावन दादी नाम [90 ]
हुई नारायणी जग में विख्यात
बन कर दादी राणी शक्ति मात
पूजे माँ को सारा जहान
पतित पावन दादी नाम [91 ]
माँ दुर्गा की है अवतार
कोई ना पावै इसका पार
युग युग में अवतारी नाम
पतित पावन दादी नाम [92 ]
लक्ष्मी शारदा उमा काली
वैष्णवी काली में झुंझुनू वाली
सब पर्यायवाची इसके नाम
पतित पावन दादी नाम [93 ]
शक्ति की जो बात है मूल
वाही दादी निशाँ त्रिशूल
है इसका स्पष्ट प्रमाण
पतित पावन दादी नाम [94 ]
देख शक्ति का धाम निराला
सब देवों ने डेरा डाला
सुर संगम हैं दादी धाम
पतित पावन दादी नाम [95 ]
इतर देव सब यहाँ बिराजै
बैठे शिव दरबार लगाके
हनुमत कंधे लक्ष्मण राम
पतित पावन दादी नाम [96 ]
षोडष शक्ति नव दुर्गाये
त्रिमूर्ति नवग्रह मुस्काए
सब दिग्पाल संभाले काम
पतित पावन दादी नाम [97]
कुल देवी दादी महारानी
नहींं है इसका कोई सानी
करती कली में माँ कल्याण
पतित पावन दादी नाम [98 ]
दादी की जग में है ख़्याति
संग में बहिनों को पुजवाती
तनधन पित्तर शक्तिमान
पतित पावन दादी नाम [99 ]
जो भी मन से पूजे इसको
दादी दर्शन देती उसको
जात पात का नहींं है काम
पतित पावन दादी नाम [100 ]
रोली मोली मेहंदी चावल
धूप पुष्प दीपक और श्रीफल
पूजा का इनसे ही विधान
पतित पावन दादी नाम। [101]
चूड़ा चुनड़ भेंट चढ़ावे
बहिन बेटी के काम वो आवै
रखती दादी सबका मान
पतित पावन दादी नाम [102 ]
माँ दादी सब शक्ति के रूप
नारी स्वयं भी शक्ति स्वरुप
शक्ति पूजा नारी सम्मान
पतित पावन दादी नाम [103]
जितनी भी शक्तियां है कलि में
राणीशक्ति सिरमौर सभी में
इस शक्ति को करो प्रणाम
पतित पावन दादी नाम [104 ]
महिमा दादी की अतिभारी
मंगल भवन अमंगल हारी
गुण गावे सब वेद पुराण
पतित पावन दादी नाम [105]
यहाँ मंगल मनका पुष्पोहार
कर दे तुझको भव से पार
कर अर्पण दादी के नाम
पतित पावन दादी नाम [106]
पाठ करे जो मंगल मनका
कष्ट हरे माँ उसके तनका
पूरे हो उसके अरमान
पतित पावन दादी नाम [107]
श्री कृष्ण ने लीला गाई
दयाकर सुन ले मेरी माई
भूलूँ नहीं मैंं तेरा नाम
पतित पावन दादी नाम [108]
मंगल माला पूरी हुई मनका एक सौ आठ
मनोकामना पूर्ण हो नित्य करे जो पाठ
|| नित्य करे जो पाठ नित्य करे जो पाठ ||
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