प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है (Prabhu Kaisa Khel Rachaya Hai Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है (Prabhu Kaisa Khel Rachaya Hai Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - Bhaktilok


प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है (Prabhu Kaisa Khel Rachaya Hai Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - 

 

प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है (Prabhu Kaisa Khel Rachaya Hai Lyrics in Hindi) -


प्रभु कैसा खेल रचाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है
प्रभु कैसा खेल रचाया है
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने ये आकाश बनाया है
मैंने खम्बा एक लगाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है
प्रभु कैसा खेल रचाया है
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने इतने पद बनाए है
तू बीज कहां से लाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है
प्रभु कैसा खेल रचाया है
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने कितने फूल खिलाए है
तू रंग कहाँ से लाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है
प्रभु कैसा खेल रचाया है
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने कितने इंसान बनाए है
तू सास कहां से लाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है
प्रभु कैसा खेल रचाया है
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने चाँद और सितारे बनाए है
इन्हे तूने कैसे चिपकाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है
प्रभु कैसा खेल रचाया है
येमेरी समझ नहीं आया है

प्रभु कैसा खेल रचाया है
ये मेरी समझ नहीं आया है।

 


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