नटखट नंद का लाल (Natkhat Nand Ka Laal) - Krishna Baal Leelayein Krishna Bhajan RAKESH KALA - Bhaktilok
कृष्ण बाल लीलाएं लिरिक्स हिंदी -
कृष्ण एक किंवदंति..., एक कथा..., एक कहानी...। जिसके अनेक रूप और हर रूप की लीला अद्भुत। प्रेम को परिभाषित करने वाले, उसे जीने वाले इस माधव ने जिस क्षेत्र में हाथ रखा वहीं नए कीर्तिमान स्थापित किए।
माँ के लाड़ले, जिनके संपूर्ण व्यक्तित्व में मासूमियत समाई हुई है। कहते तो लोग ईश्वर का अवतार हैं, पर वे बालक हैं तो पूरे बालक। माँ से बचने के लिए कहते हैं- मैया मैंने माखन नहीं खाया। माँ से पूछते हैं- माँ वह राधा इतनी गोरी क्यों है, मैं क्यों काला हूँ? शिकायत करते हैं कि माँ मुझे दाऊ क्यों कहते हैं कि तू मेरी माँ नहीं है। 'यशोदा माँ' जिसे अपने कान्हा से कोई शिकायत नहीं है? उन्हें अपने लल्ला को कुछ नहीं बनाना, वह जैसा है उनके लिए पूरा है।
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks