मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने भजन लिरिक्स (Meri Lagi Shyam Sang Preet Lyrics in Hindi) -
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
छवि लगी मन श्याम की जब से २
भई बावरी मैं तो तब से २
बाँधी प्रेम की डोर मोहन से २
नाता तोड़ा मैंने जग से २
ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
मोहन की सुन्दर सूरतिया २
मन में बस गयी मोहनी मूरतिया २
जब से ओढ़ी शाम चुनरिया २
लोग कहे मैं भई बावरिया २
मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
हर दम अब तो रहूँ मस्तानी २
लोक लाज दीनी बिसरानी २
रूप राशि अंग अंग समानी २
हे रत हे रत रहूँ दीवानी २
मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
मोहन ने ऐसी बंसी बजायी २
सब ने अपनी सुध बिसरायी २
गोप गोपिया भागी आई २
लोक लाज कुछ काम न आई २
फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
भूल गयी कही आना जाना २
जग सारा लागे बेगाना २
अब तो केवल शाम सुहाना २
रूठ जाये तो उन्हें मनाना २
अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
हम प्रेम नगर की बंजारन २
जप तप और साधन क्या जाने २
हम शाम के नाम की दीवानी २
नित नेम के बंधन क्या जाने २
हम बृज की भोली गंवारनिया २
ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने २
ये प्रेम की बाते है उद्धव २
कोई क्या समझे कोई क्या जाने २
मेरे और मोहन की बातें २
या मै जानू या वो जाने २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २
शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन २
आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं २
शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए २
आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है २
शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति २
शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं २
उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े २
हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है २
क्या जाने कोई क्या जाने २
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २
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