4+ Best मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना लिरिक्स | मोहन हमारे मधुबन में आया न करो लिरिक्स | मन के मंदिर में प्रभु को बसाना भजन लिरिक्स - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

4+ Best मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना लिरिक्स | मोहन हमारे मधुबन में आया न करो लिरिक्स  | मन के मंदिर में प्रभु को बसाना भजन लिरिक्स - Bhaktilok


4+ Best मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना लिरिक्स | मोहन हमारे मधुबन में आया न करो लिरिक्स  | मन के मंदिर में प्रभु को बसाना भजन लिरिक्स 

  1. मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स (Mere Man Me Bas Gayi Hai Mohan Chavi Tumhari Lyrics) -
  2. मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना लिरिक्स (Mere Mohan Tera Muskurana Lyrics ) -
  3. मोहन हमारे मधुबन में आया न करो लिरिक्स (Mohan Hamare Madhuban Me Aaya Na Karo Lyrics in Hindi) -
  4. मन के मंदिर में प्रभु को बसाना भजन लिरिक्स (Man Ke Mandir Me Pprabhu Ko Basana Bhajan Lyrics in Hindi ) -



मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स (Mere Man Me Bas Gayi Hai Mohan Chavi Tumhari Lyrics) - 


मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स
मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी

नैनो में कैसा जादू मुस्कान कितनी प्यारी
मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी।।

तेरी अदा पे होते चर्चे गली गली में
कैसे तुम्हे भुलादु रहते हो मेरे दिल में
धड़कनो में तुम हो हर सांस तुमपे वारि
मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी।।

सुन्दर सी तेरी सूरत लगती है भोली भली
गालो पे चूमती है भवरे सी लत ये काली
मीठी सी तेरी बोली अधरों पे तेरे लाली
मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी।।

दासी यशोदा कहती तूने जिंदगी संवरी
अपना बनाया मुझको मेरी हस्ती ही निखरी
जाऊं मैं तेरे सदके तेरी हर छटा निराली
मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी।।

मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी
नैनो में कैसा जादू मुस्कान कितनी प्यारी
मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी।।


मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना लिरिक्स (Mere Mohan Tera Muskurana Lyrics ) - 


मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना लिरिक्स
ओं मेरे कान्हा तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

चोट खायी है  दिलपे ये मैंने
वो दिखने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

जबसे देखा है जलवा तुम्हारा
कोई आँखों में जचता नहीं है
यूं तो देखे बहुत नूर वाले
सारे आलम में तुमसा नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

तेरी सूरत पे क़ुर्बान जाऊ
तेरी आँखे है या मैं के प्याले
जिनको नज़रो से तुमने पिलाई
होश आने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

मैंने पूछा की अब कब मिलोगे
पहले मुस्काये फिर हंस के बोले
सबके दिल में समाये हुए है
आने जाने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है
चोट खायी है जो मैंने दिल में
वो दिखने के काबिल नहीं है

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है



मोहन हमारे मधुबन में आया न करो (Mohan Hamare Madhuban Me Aaya Na Karo Lyrics in Hindi) - 



मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो

सूरत तुम्हारी देखकर सलोनी सांवरी
सुनकर तुम्हारी बांसुरी मैं हो गयी बांवली
माखन चुराने वाले दिल चुराया ना करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो

माथे मुकुट गल माल कटी में काछनी सोहे
कानो में कुण्डल झूम के मन मेरे को मोहे
इस चन्द्रमा के रूप से लुभाया न करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो

अपनी यशोदा मात की सौगंध है तुमको
यमुना नदी की तीर पर तुम न मिलो हमको
इस बांसुरी की तान पे बिलखाया ना करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो

ऐसी तुम्हारी बांसुरी ने मोहनी डारी
चन्द्रसखी की विनती तुम सुनलो बनवारी
दर्शन देने में सांवरे अब देर ना करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो

मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो


मन के मंदिर में प्रभु को बसाना भजन लिरिक्स (Man Ke Mandir Me Pprabhu Ko Basana Bhajan Lyrics in Hindi ) - 


मन के मंदिर में प्रभु को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है,
खेलना पड़ता है जिंदगी से,
भक्ति इतनी भी सस्ती नहीं है,
मन के मंदिर में प्रभू को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है।।

प्रेम मीरा ने मोहन से डाला,
उसको पीना पड़ा विष का प्याला,
जब तलक ममता है ज़िन्दगी से,
उसकी रहमत बरसती नहीं है,
मन के मंदिर में प्रभू को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है।।


तन पे संकट पड़े मन ये डोले,
लिपटे खम्बे से प्रहलाद बोले,
पतितपावन प्रभु के बराबर,
कोई दुनिया में हस्ती नहीं है,
मन के मंदिर में प्रभू को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है।।

संत कहते हैं नागिन है माया,
जिसने सारा जगत काट खाया,
कृष्ण का नाम है जिसके मन में,
उसको नागिन ये डसती नहीं है,
मन के मंदिर में प्रभू को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है।।


मन के मंदिर में प्रभु को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है,
खेलना पड़ता है जिंदगी से,
भक्ति इतनी भी सस्ती नहीं है,
मन के मंदिर में प्रभू को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है।।,



Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !