कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी (Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari Lyrics in Hindi) - Shyam Bhajan - Bhaktilok
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी (Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari Lyrics in Hindi) - Shyam Bhajan -
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी (Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari Lyrics in Hindi) -
मैं रूप तेरे पर आशिक हूँयह दिल तो तेरा हुआ दीवानाठोकर खाई दुनियाँ में बहुतमुझे द्वार से अब न ठुकरानाहर तरह से तुम्हारा हुआ मैं तोफिर क्यों तुमको मैं बेगानामुझे दरस दिखा दो नंद लालानहीं तो दर तेरे पर मर जानाकृपा की न होती जो आदत तुम्हारीतो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारीगोपाल सहारा तेरा हैहे नंद लाल सहारा तेरा हैमेरा और सहारा कोई नहींगोपाल सहारा तेरा हैहे नंद लाल सहारा तेरा हैओ दीनो के दिल में जगह तुम न पातेतो किस दिल में होती हिफाजत तुम्हारीकृपा की न होती जोग़रीबों की दुनियाँ है आबाद तुमसेग़रीबों से है बादशाहत तुम्हारीकृपा की न होती जोन मुल्जिम ही होते न तुम होते हाकिमन घर-घर में होती इबादत तुम्हारीकृपा की न होती जोतुम्हारी ही उल्फ़त के द्रिग ‘बिन्दु’ हैं यहतुम्हें सौंपते है अमानत तुम्हारीकृपा की न होती जो
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