ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Vishnu Aarti - Bhaktilok
ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Vishnu Aarti -
Singer: Rajnish kumar
Label: Bhajan Shrinkhla
ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) -
ॐ जय जगदीश हरे...
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट...
दास जनों के संकट...
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे...
दुःख बिनसे मन का...
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे...
सुख सम्पति घर आवे...
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे...
शरण गहूं किसकी...
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा...
तुम बिन और न दूजा...
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा...
तुम अन्तर्यामी...
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर...
पारब्रह्म परमेश्वर...
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर...
तुम पालनकर्ता...
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी...
मैं सेवक तुम स्वामी...
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर...
सबके प्राणपति...
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय...
किस विधि मिलूं दयामय...
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता...
ठाकुर तुम मेरे...
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ...
अपने शरण लगाओ...
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ...
पाप हरो देवा...
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ...
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ...
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट...
दास जनों के संकट...
क्षण में दूर करे
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