ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Vishnu Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Vishnu Aarti - Bhaktilok


ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Vishnu Aarti - 


Singer: Rajnish kumar

Label: Bhajan Shrinkhla

 

ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare Lyrics in Hindi) -

ॐ जय जगदीश हरे...

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट...

दास जनों के संकट...

क्षण में दूर करे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


जो ध्यावे फल पावे...

दुःख बिनसे मन का...

स्वामी दुःख बिनसे मन का ।

सुख सम्पति घर आवे...

सुख सम्पति घर आवे...

कष्ट मिटे तन का ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


मात पिता तुम मेरे...

शरण गहूं किसकी...

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।

तुम बिन और न दूजा...

तुम बिन और न दूजा...

आस करूं मैं जिसकी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


तुम पूरण परमात्मा...

तुम अन्तर्यामी...

स्वामी तुम अन्तर्यामी ।

पारब्रह्म परमेश्वर...

पारब्रह्म परमेश्वर...

तुम सब के स्वामी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


तुम करुणा के सागर...

तुम पालनकर्ता...

स्वामी तुम पालनकर्ता ।

मैं मूरख फलकामी...

मैं सेवक तुम स्वामी...

कृपा करो भर्ता॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


तुम हो एक अगोचर...

सबके प्राणपति...

स्वामी सबके प्राणपति ।

किस विधि मिलूं दयामय...

किस विधि मिलूं दयामय...

तुमको मैं कुमति ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


दीन-बन्धु दुःख-हर्ता...

ठाकुर तुम मेरे...

स्वामी रक्षक तुम मेरे ।

अपने हाथ उठाओ...

अपने शरण लगाओ...

द्वार पड़ा तेरे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥


विषय-विकार मिटाओ...

पाप हरो देवा...

स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ...

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ...

सन्तन की सेवा ॥


ॐ जय जगदीश हरे...

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट...

दास जनों के संकट...

क्षण में दूर करे 


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