दुर्लभ मानुष जन्म है देह न बारम्बार दोहे का अर्थ(Durlabh Maanush Janm Hai Deh Na Barambaar Dohe Ka Arth in Hindi):-
दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार,तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार।
दुर्लभ मानुष जन्म है देह न बारम्बार दोहे का अर्थ(Durlabh Maanush Janm Hai Deh Na Barambaar Dohe Ka Arth in Hindi):-
इस संसार में मनुष्य का जन्म मुश्किल से मिलता है। यह मानव शरीर उसी तरह बार-बार नहीं मिलता जैसे वृक्ष से पत्ता झड़ जाए तो दोबारा डाल पर नहीं लगता।
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