श्री दुर्गा देवीची आरती (Durga Devi Chi Aarti Lyrics in Hindi) - दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी Durga Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

श्री दुर्गा देवीची आरती (Durga Devi Chi Aarti Lyrics in Hindi) -


दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी।

अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी।

वारी वारी जन्म मरणांते वारी।

हारी पडलो आता संकट निवारी॥


जय देवी जय देवी महिषासुर मथिनी।

सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥


त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही।

चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही।

साही विवाद करिता पडले प्रवाही।

ते तू भक्तालागी पावसि लवलाही॥


जय देवी जय देवी महिषासुर मथिनी।

सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥


प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा।

क्लेशांपासुनि सोडवि तोडी भवपाशा।

अम्बे तुजवाचून कोण पुरविल आशा।

नरहरी तल्लिन झाला पदपंकजलेशा॥


जय देवी जय देवी महिषासुर मथिनी।

सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥


*** Singer - Sanjeevani Bhelande ***



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