सिद्धिदात्री माता की आरती लिरिक्स (Siddhidatri Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi) - नवम नवरात्रि Maa Siddhidatri Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

सिद्धिदात्री माता की आरती लिरिक्स (Siddhidatri Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi) -  


जय सिद्धिदात्री 

ओम जय सिद्धिदात्री ।

सर्व सुखो की जननी 

रिद्धि सिद्धिदात्री ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


अनिमा गरिमा लघिमा 

सिद्धि तिहारी हाथ ।

तू अविचल महामाई 

त्रिलोकी की नाथ ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


शुम्भ निशुम्भ विडारे 

जग है प्रसिद्ध गाथा ।

शास्त्र भुजा यानि धरक 

चक्र लियो हाथा ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


तेरी दया बिन रिद्धि 

सिद्धि न हो पाती ।

सुख समृद्धि देती 

तेरी दया पाती ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


दुःख दरिद्र विनाशिनी 

दोष सभी हरना ।

दुर्गुणों को संघारके 

पावन माँ करना ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


नवदुर्गो में मैया 

नवम तेरा स्थान ।

नौवे नवरात्रे को 

करे सब ध्यान ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


तुम ही जग की माता 

तुम ही हो भरता ।

भक्तो की दुःख हरता 

सुख संपत्ति करता ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


अगर कपूर की ज्योति 

आरती तुम गाये ।

छोड़ के तेरा द्वार 

और कहा जाये ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


सिद्धिदात्री माता 

सब दुर्गुण हरना ।

अपना जान के मैया 

हमपे कृपा करना ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


जय सिद्धिदात्री 

ओम जय सिद्धिदात्री ।

सर्व सुखो की जननी 

रिद्धि सिद्धिदात्री ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।


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