सिद्धिदात्री माता की आरती लिरिक्स (Siddhidatri Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi) -
जय सिद्धिदात्री
ओम जय सिद्धिदात्री ।
सर्व सुखो की जननी
रिद्धि सिद्धिदात्री ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
अनिमा गरिमा लघिमा
सिद्धि तिहारी हाथ ।
तू अविचल महामाई
त्रिलोकी की नाथ ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
शुम्भ निशुम्भ विडारे
जग है प्रसिद्ध गाथा ।
शास्त्र भुजा यानि धरक
चक्र लियो हाथा ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
तेरी दया बिन रिद्धि
सिद्धि न हो पाती ।
सुख समृद्धि देती
तेरी दया पाती ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
दुःख दरिद्र विनाशिनी
दोष सभी हरना ।
दुर्गुणों को संघारके
पावन माँ करना ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
नवदुर्गो में मैया
नवम तेरा स्थान ।
नौवे नवरात्रे को
करे सब ध्यान ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
तुम ही जग की माता
तुम ही हो भरता ।
भक्तो की दुःख हरता
सुख संपत्ति करता ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
अगर कपूर की ज्योति
आरती तुम गाये ।
छोड़ के तेरा द्वार
और कहा जाये ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
सिद्धिदात्री माता
सब दुर्गुण हरना ।
अपना जान के मैया
हमपे कृपा करना ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
जय सिद्धिदात्री
ओम जय सिद्धिदात्री ।
सर्व सुखो की जननी
रिद्धि सिद्धिदात्री ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
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