तेरा रूप है प्रचंड तू ही आरंभ तू ही अंत लिरिक्स (Tera Roop Hai Prachand Lyrics in Hindi) - Har har Shambhu Hashtag pandit Abhilipsa panda - Bhaktilok
तेरा रूप है प्रचंड तू ही आरंभ तू ही अंत लिरिक्स (Tera Roop Hai Prachand Lyrics in Hindi) -
दोहा –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
तेरा रूप है प्रचंड तू ही आरंभ तू ही अंत लिरिक्स -
गले में जिसके नाग
सर पे गंगे का निवास ||
जो नाथो का है नाथ
भोलेनाथ जी ||
करता पापो का विनाश
कैलाश पे निवास ||
डमरू वाला वो सन्यास
भोलेनाथ जी ||
मोह माया से परे
तेरी छाया के तले ||
जो तपता दिन रात
उसको रौशनी मिले ||
केदार विश्वनाथ
मुझको जाना अमरनाथ ||
जहा मिलता तेरा साथ
भोलेनाथ जी ||
जो फिरता मारा मारा
जिसको देता वो सहारा ||
तीन लोक का वो स्वामी
भोलेनाथ जी ||
रख दे जिसके सर पे हाथ
दुनिया चलती उसके साथ ||
ऐसा खेल है खिलाता
मेरा नाथ जी ||
मोह माया से परे
तेरी छाया के तले ||
जो तपता दिन रात
उसको रौशनी मिले ||
केदार विश्वनाथ
मुझको जाना अमरनाथ ||
जहा मिलता तेरा साथ
भोलेनाथ जी ||
ये दुनिया है भिखारी
पैसे की मारी मारी ||
मेरा तू है सहारा
मेरे भोलेनाथ जी ||
मेरा हाथ ले तू थाम
बाबा ले जा अपने धाम ||
इस दुनिया से बचा ले
मुझको शम्भू नाथ जी ||
मोह माया से परे
तेरी छाया के तले ||
जो तपता दिन रात
उसको रौशनी मिले ||
केदार विश्वनाथ
मुझको जाना अमरनाथ ||
जहा मिलता तेरा साथ
भोलेनाथ जी ||
तेरा रूप है प्रचण्ड
तू आरम्भ तू ही अंत ||
तू ही सृष्टि का रचियता
मेरे भोलेनाथ जी ||
में खुद हु खंड खंड
फिर कैसा है घमण्ड ||
मुझे तुझमे है समाना
मेरे भोलेनाथ जी ||
मोह माया से परे
तेरी छाया के तले ||
जो तपता दिन रात
उसको रौशनी मिले ||
केदार विश्वनाथ
मुझको जाना अमरनाथ ||
जहा मिलता तेरा साथ
भोलेनाथ जी ||
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