जय जय सत्यनारायण स्वामी

Deepak Kumar Bind


जय जय सत्यनारायण स्वामी (Jai Jai Satyanarayan Swami )  -  

जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी.
जन पातक हरणा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

रत्‍‌न जडि़त सिंहासन.
अद्भुत छवि राजै ।
नारद करत निराजन.
घण्टा ध्वनि बाजै ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

प्रकट भये कलि कारण.
द्विज को दर्श दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर.
कंचन महल कियो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

दुर्बल भील कठारो.
जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा.
तिनकी विपत्ति हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

वैश्य मनोरथ पायो.
श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी.
फिर-स्तुति कीन्हीं ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

भाव भक्ति के कारण.
छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं.
तिनको काज सरयो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

ग्वाल-बाल संग राजा.
वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों.
दीनदयाल हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

चढ़त प्रसाद सवायो.
कदली फल. मेवा ।
धूप दीप तुलसी से.
राजी सत्यदेवा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

श्री सत्यनारायण जी की आरती.
जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति.
सहज रूप पावे ॥

जय लक्ष्मी रमणा.
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी.
जन पातक हरणा ॥



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