भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे

Deepak Kumar Bind

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे 


भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे दरबारा वाली आरती जय माँ ।
ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥

काहे दी मैया तेरी आरती बनावा,
काहे दी पावां विच बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सुहे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ ।
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥

सर्व सोने दी आरती बनावा,
अगर कपूर पावां बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥

कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया,
कौन जागेगा सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सच्चिया ज्योतां वाली आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा  वाली आरती जय माँ ॥

सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे,
ज्योत जागेगी सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥

जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा,
जिस तेरा भवन बनाया,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥

सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे,
जो ध्यावे सो, यो फल पावे,
रख बाणे दी लाज,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ ॥


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