भजन - सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है लिरिक्स इन हिंदी
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये है..
पखारो इनके चरणों को बहा कर प्रेम की गंगा
बिषा दो अपनी पलको को मेरे सरकार आये है
सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने में
आया दिल को सकून उनके करीब आने में
मुदत से प्यासी आखियो को मिला आज वो सागर
भटका था जिसको पाने की खातिर इस ज़माने में
उमड़ आई मेरी आंखे देख कर अपने बाबा को
हुई रोशन मेरी गलियां मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
तुम आकर भी नहीं जाना मेरी इस सुनी दुनिया से
कहु हर दम यही सबसे मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये है..
पखारो इनके चरणों को बहा कर प्रेम की गंगा
बिषा दो अपनी पलको को मेरे सरकार आये है
सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने में
आया दिल को सकून उनके करीब आने में
मुदत से प्यासी आखियो को मिला आज वो सागर
भटका था जिसको पाने की खातिर इस ज़माने में
उमड़ आई मेरी आंखे देख कर अपने बाबा को
हुई रोशन मेरी गलियां मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
तुम आकर भी नहीं जाना मेरी इस सुनी दुनिया से
कहु हर दम यही सबसे मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये है
मेरे सरकार आये है
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये है
सजा दो घर को गूलशन सा
मेरे सरकार आये है।।
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