ये प्रयागराज है भजन - प्रयागराज गीत (सांस्कृतिक गर्व) (Ye Prayagraj Hai Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 ये प्रयागराज है भजन - प्रयागराज गीत (सांस्कृतिक गर्व) (Ye Prayagraj Hai Lyrics in Hindi) 


ये प्रयागराज है, गंगा-यमुना का संगम,

धर्म-भूमि की पहचान, भारत का अमर ध्वज।

हर गली में गूँजता है, इतिहास का आह्वान,

संतों की भूमि है, ये हमारा प्रयागराज।


संगम की लहरों में, अद्भुत है ये सौंदर्य,

त्रिवेणी का पावन जल, करता मन को शुद्ध।

आस्था का दीप जलता, हर हृदय में यहाँ,

संस्कृति का आलोक फैले, हर कोने में यहाँ।


कुंभ का मेला आता, संगम को धन्य बनाता,

विश्वभर से लोग आते, यह अद्भुत दृश्य दिखाता।

गंगा, यमुना, सरस्वती का ये पावन संगम,

प्रयागराज की महिमा है, इसका अद्भुत श्रंगार।


अक्षयवट का इतिहास, अमर है इसकी गाथा,

सदियों से खड़ा है, जीवन का ये प्रतीक।

यहाँ के घाटों की शोभा, करती सबका मन मोहन,

संतों और ऋषियों की तपोभूमि, यह पावन।


हर सुबह का सूरज, यहाँ देता नया संदेश,

हर शाम की आरती, फैलाती अलौकिक देश।

सदियों से ये भूमि, ज्ञान और धर्म का घर,

प्रयागराज की महिमा, गूँजे विश्वभर।


ये प्रयागराज है, गंगा-यमुना का संगम,

धर्म-भूमि की पहचान, भारत का अमर ध्वज।

हर गली में गूँजता है, इतिहास का आह्वान,

संतों की भूमि है, ये हमारा प्रयागराज।

Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !