श्री सिद्धिविनायक मंत्र और आरती - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

श्री सिद्धिविनायक मंत्र और आरती 


ॐ ॐ ॐ

वक्रतुंड महाकाय

सूर्यकोटि समप्रभ,

निर्विघ्नं कुरु मे देव

सर्वकार्येषु सर्वदा ।

ॐ…


ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया

मंगल मूर्ति मोरया ।

 

ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया

मंगल मूर्ति मोरया ।


ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया

मंगल मूर्ति मोरया ।


ॐ गण गणपतये नमो नमः

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः

अष्टविनायक नमो नमः

गणपति बाप्पा मोरया

मंगल मूर्ति मोरया ।


सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,

नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,

कंठी झलके माल मुक्ताफलाची ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,

जय देव जय देव ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,

जय देव जय देव ।


रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा,

चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा,

हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा,

रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,

जय देव जय देव ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,

जय देव जय देव ।

 

शेंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुखको,

दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को,

हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को,

महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को,

जय देव जय देव ।


जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,

जय देव जय देव ।

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,

जय देव जय देव ।


लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना,

सरल सोंड वक्रतुंड त्रिनयना,

दास रामाचा वाट पाहे सदना,

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,

जय देव जय देव ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,

जय देव जय देव ।


आस्था सीधी दासी संकट को बैरी,

विघ्न विनाशन मंगल मूरत अधिकारी,

कोटि सूरज प्रकाश ऐसी छवि तेरी,

गंडस्थल मदमस्तक झूले शशि बिहारी,

जय देव जय देव ।


जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,

जय देव जय देव ।

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,

जय देव जय देव ।


भावभगत से कोई शरणागत आवे,

संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे,

ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,

गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे,

जय देव जय देव ।


जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,

जय देव जय देव ।

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता,

धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता,

जय देव जय देव ।


जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मन कामना पुरती,

जय देव जय देव ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती,

जय देव जय देव ।


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