ओम नमः शिवाय शिव जी सदा सहाय
ओम नमः शिवाय गुरु जी सदा सहाय
शिव भोले का रूप है मेरे गुरु जी
चरणों में मैं तेरे सदा रहु जी
गुरु जी गुरु जी
खुशिया ही खुशिया तू मेरी झोली दे विच पाइयाँ
तेरी बरकत दे नाल सतगुरु घर विच खुशियां ाईयाँ
तू ही मेरा रब है तू ही मेरा सैयां
छड़ के मैं सब कुछ तेरे दर ते ाइयाँ
गुरु जी गुरु जी
गुरु गुरु मैं जपता जाऊ गुरु गुरु मैं गाऊ
तन मन धन से सेवा करके सेवक बन के निहारु
तेरी ही सेवा कर्म हो मेरा
तेरी ही सेवा धर्म हो मेरा
गुरु जी गुरु जी
चरण तेरे दी धूल है गुरु जी तू मैनु गल नाल लाया
तेरी रेहमत दा ही सदका मैनु तू अपनाया
कर्ज मैं तेरा किवे उतारा
अपनी ज़िंदगी तेरे उतो वारा
गुरु जी गुरु जी
नूर तेरा ऐसा गुरु जी दिल विच जो ठण्ड पावे
तेरे वर्ग होर न होना होर समज न आवे
इक वरि आजा दर्श दिखा जा
गुरु जी तू नैना दी प्यास भुजा जा
गुरु जी गुरु जी
दुरो दुरो सत्संग ले सब तेरे दर ते आउंदे
इको थल च लंगर करके भेद भाव मिटांदे
तेरे दर ते अमृत पी के निर्मल मन हो जांदे
तू ही मेरा प्यार है तू ही परिवार है
तू ही मेरी ज़िंदगी है तू ही सारा सार है
गुरु जी गुरु जी
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