मानो तो मै गंगा माँ हु ना मानो तो बहता पानी भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

मानो तो मै गंगा माँ हु ना मानो तो बहता पानी भजन इन हिंदी लिरिक्स


मानो तो मै गंगा माँ हु 
ना मानो तो बहता पानी
जो स्वर्ग ने दी धरती को 
जो स्वर्ग ने दी धरती को
मै हू प्यार की वही निशानी
मानो तो मै गंगा मा हू
ना मानो तो बहता पानी...||

युग युग से मई बहती आई 
नील गगन के नीचे
सदियो से यह मेरी धारा 
प्यार की धरती सिंचे
मेरी ल़हेर ल़हेर पे लिखी है 
मेरी ल़हेर ल़हेर पे लिखी है
इस देश की अमर कहानी
मानो तो मै गंगा मा हू
ना मानो तो बहता पानी...||
हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे 

कोई वाना कर मेरे जल से
कोई मूरत को नहलाए
कही मोची चमड़े धोए 
कही पंडित प्यास बुझाए
यह जात धरम के झगड़े 
यह जात धरम के झगड़े
इंसान की है नादानी
मानो तो मै गंगा मा हू
ना मानो तो बहता पानी...||
हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे 

गौतम अशोक अकबर ने 
यहा प्यार के फूल खिलाए
तुलसी ग़ालिब मीरा ने 
यहा ज्ञान के दीप जलाए
मेरे तट पे आज भी गूँजे 
मेरे तट पे आज भी गूँजे
नानक कबीर की वाणी 
नानक कबीर की वाणी
मानो तो मै गंगा मा हू
ना मानो तो बहता पानी...||
हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे 

मानो तो मै गंगा माँ हु 
ना मानो तो बहता पानी...||
जो स्वर्ग ने दी धरती को 
जो स्वर्ग ने दी धरती को
मै हू प्यार की वही निशानी
मानो तो मै गंगा मा हू
ना मानो तो बहता पानी...||

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