माँ की हर बात निराली है माता भजन लिरिक्स (Maa Ki Har Baat Nirali Hai Lyrics in Hindi) - Mata Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

माँ की हर बात निराली है माता भजन लिरिक्स (Maa Ki Har Baat Nirali Hai Lyrics in Hindi) - Mata Bhajan - 

माँ की हर बात निराली है माता भजन लिरिक्स (Maa Ki Har Baat Nirali Hai Lyrics in Hindi) - 


माँ की हर बात निराली है

श्लोक पास की सुनती है
दूर की सुनती है
गुमनाम के संग संग
मशहूर की सुनती है
माँ तो आखिर माँ है
माँ के भक्तो
माँ तो हर
मजबूर की सुनती है।

माँ की हर बात निराली है
बात निराली है
की हर करामात निराली है
मां की हर बात निराली है
महादाती से सब को मिली
सौगात निराली है
मां की हर बात निराली है।।

वक्त की चाल बदले
दुःख की जंजाल बदले
इसके चरणों में झुक कर
बड़े कंगाल बदले


यहाँ जो आये सवाली
कभी वो जाए ना खाली
यह लाती पतझड़ में भी
हर चमन में हरियाली
काली रातो में लाती
प्रभात निराली है
मां की हर बात निराली है।।

दया जब इसकी होती
तो कंकर बनते मोती
जिसे यह आप जगादे
ना फिर किस्मत वो सोती
गमो से घिरने वाले
बड़े इस माँ ने संभाले
फसे मझदार में बेड़े
इसी ने बाहर निकाले
इसकी मीठी ममता की
बरसात निराली है
मां की हर बात निराली है।।

दुःख काटती है ये
सुख बांटती है ये
हमे पालती है ये दिनरात ही
जादू इसका अजीब
देखो होके करीब
ये तो बदले नसीब दिन रात ही
इस की रहमत
हर निर्दोष के साथ निराली है
मां की हर बात निराली है।।

मां की हर बात निराली है
बात निराली है
की हर करामात निराली है
मां की हर बात निराली है
महादाती से सब को मिली
सौगात निराली है
माँ की हर बात निराली है।।








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