रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने भजन लिरिक्स ( Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics in Hindi ) - Pujya Shri Devendra Ji Maharaj - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने भजन लिरिक्स ( Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics in Hindi ) -

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है

जो पेड़ हमने लगाया पहले

उसी का फल हम अब पा रहे है

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

इसी धरा से शरीर पाए

इसी धरा में फिर सब समाए

है सत्य नियम यही धरा का

है सत्य नियम यही धरा का

एक आ रहे है एक जा रहे है

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥


जिन्होने भेजा जगत में जाना

तय कर दिया लौट के फिर से आना

जो भेजने वाले है यहाँ पे

जो भेजने वाले है यहाँ पे

वही तो वापस बुला रहे है

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

बैठे है जो धान की बालियो में

समाए मेहंदी की लालियो में

हर डाल हर पत्ते में समाकर

हर डाल हर पत्ते में समाकर

गुल रंग बिरंगे खिला रहे है

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है

जो पेड़ हमने लगाया पहले

उसी का फल हम अब पा रहे है

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥




Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !