Type Here to Get Search Results !

दुर्गा देवी स्तुति लिरिक्स (Durga Stuti in Sanskrit Lyrics Sanskrit)

 

दुर्गा देवी स्तुति लिरिक्स (Durga Stuti in Sanskrit Lyrics Sanskrit)

दुर्गा देवी स्तुति लिरिक्स (Durga Stuti in Sanskrit Lyrics Sanskrit) - Bhaktilok

दुर्गा देवी स्तुति लिरिक्स (Durga Stuti in Sanskrit Lyrics Sanskrit) - 


या देवी सर्वभुतेशु विष्णु मयेति सद्बिता

नमस् तस्यै नमस् तस्यै नमस् तस्यै नमो नमः.


या देवी सर्वभुतेशु बुद्धि रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु निद्रा रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु क्षुधा रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु छाया रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु सकती रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु त्रिसना रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु क्संती रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु लज्जा रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु शांति रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु श्रद्धा रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु काँटी रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु वृत्ति रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु स्मृति रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु दया रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु तुस्ती रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


या देवी सर्वभुतेशु मत्री रूपेण संस्थिता

नमस् तस्यै….


नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:। 

नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्म ताम्॥


रौद्रायै नमो नित्यायै गौर्यै धा˜यै नमो नम:। 

ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै सततं नम:॥


कल्याण्यै प्रणतां वृद्ध्यै सिद्ध्यै कुर्मो नमो नम:। 

नैर्ऋत्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो नम:॥

दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै। 

ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रायै सततं नम:॥


अतिसौम्यातिरौद्रायै नतास्तस्यै नमो नम:। 

नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै कृत्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषुच्छायारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


इन्द्रियाणामधिष्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या। 

भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदेव्यै नमो नम:॥


चितिरूपेण या कृत्स्नमेतद्व्याप्य स्थिता जगत्। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥


स्तुता सुरै: पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता।

करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:॥


या साम्प्रतं चोद्धतदैत्यतापितै-रस्माभिरीशा च सुरैर्नमस्यते।

या च स्मृता तत्क्षणमेव हन्ति न: सर्वापदो भक्ति विनम्रमूर्तिभि:॥



Ads Area