|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
सकल सृष्टि के करता है
|| डॉक्टर स्तुति धर्मा र् ||
आदि निर्माण मे विधि
श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्र का जग मे
|| ज्ञान का विकास ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
ध्यान किया जब प्रमुख का
सकल सिंधु आई।
ऋषि अंगीरा तप से
|| शांति नहीं मिली ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
रोग ग्रस्त राजा ने कहा
जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर
|| दूर दुःख कीना ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
जब रथकर दंपति
आपकी टेरर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना
|| विपत हरी सगरी ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
वनानन कलानन
पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज
|| सकल रूप साजे ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
ध्यान धरे तब पद का
सकल सिंधु आवै
मन द्विविधा मिट जावे
|| अटल शक्ति पावे ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
श्री विश्वकर्मा की आरती
जो कोई गावे।
भजत गजाननद स्वामी
|| सुख संपति पावे ||
|| जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ||
सकल सृष्टि के करता है
|| डॉक्टर स्तुति धर्मा ||
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks