महादेव शंकर हैं जग से निराले
महादेव शंकर हैं जग से निराले
महादेव शंकर हैं जग से निराले
बडे सिधे साधे बडे भोले भाले।
मेरे मन के मदीने में है शिवा जी
याह मेरे नयन हैं अनहोन के शिवलय।
बानलो अन्न आपन जीवन की आस
सदा द्वार तुमसे उठे निरष।
बीना माँगे वरदान तुमाको मिलेगा
समुझते हैं आवाज से, हम क्या करते हैं।
वो अनकहे हैं जो अनको अपन बानले ...।
। महादेव शंकर हैं ...।
जिधर देखो शिव की है महिमा निराली
ये दाता है और साड़ी दुनीया सांवले।
जो देवर पे अपना विस्वास कर ले,
को पाल भेर में भरि जागेगी झोले खाले।
उने के और, उने के उजाले ...।
। महादेव शंकर हैं ...।
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