राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करू लिरिक्स ( Raam rasiya hoon main raam sumiran karu Lyrics in Hindi) - Shri Ram Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करू लिरिक्स (  Raam rasiya hoon main raam sumiran karu Lyrics in Hindi) - 


श्री राम चंद्र जी के भरे दरबार में

विभीषण ने ताना मारा ।

ए बजरंगी! क्या तेरे मन में भी राम है?

हनुमान जी ने श्री राम का नाम लिया

और सीना फाड़ा बोले ले देख जय श्री राम ।।


नहीं चलाओ बाण व्यंग के ए विभीषण

ताना ना सह पाऊं ।

क्यों तोड़ी है यह माला

तुझे ए लंकापति बतलाऊं ।।


मुझ में भी है तुझ में भी है

सब में है समझाऊं ।

ए लंका पति विभीषण ले देख

मैं तुझ को आज दिखाऊं ।।


और वीर बजरंगी ने सीना चीयर दिया

और बोले ले देख ।


जय श्री राम ।।


श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।।


देख लो मेरे मन के नागिनें में

देख लो मेरे मन के नागिनें में ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।।


मेरे राम!


ए विभीषण!

मुझ को कीर्ति न वैभव न यश चाहिए

राम के नाम का मुझ को रस चाहिए ।

मुझ को कीर्ति न वैभव न यश चाहिए

राम के नाम का मुझ को रस चाहिए ।।


सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में

सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।।


मेरे राम!


अनमोल कोई भी चीज मेरे काम की नहीं ।

दिखती अगर उसमे छवि सिया राम की नहीं ।।


राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करू

सिया राम का सदा ही मै चिंतन करू ।

राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करू

सिया राम का सदा ही मै चिंतन करू ।।


अनमोल कोई भी चीज मेरे काम की नहीं ।

दिखती अगर उसमे छवि सिया राम की नहीं ।।


राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करू

सिया राम का सदा ही मै चिंतन करू ।

राम रसिया हूँ मैं राम सुमिरन करू

सिया राम का सदा ही मै चिंतन करू ।।


हो सच्चा आंनंद है

सच्चा आंनंद है ऐसे जीने में

सच्चा आंनंद है ऐसे जीने में ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।।


मेरे राम!


फाड़ सीना हैं सब को यह दिखला दिया

भक्ति में हैं मस्ती बेधड़क दिखला दिया ।

फाड़ सीना हैं सब को यह दिखला दिया

भक्ति में हैं मस्ती बेधड़क दिखला दिया ।।


कोई मस्ती ना सागर मीने में

कोई मस्ती ना सागर मीने में ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।।


श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।

देख लो मेरे मन के नागिनें में

देख लो मेरे मन के नागिनें में ।।


श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ।।


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