भजन - माँ शारदे कहाँ तू वीणा बजा रही हैं लिरिक्स इन हिंदी
विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा
माँ शारदे कहाँ तू
माँ शारदे कहाँ तू
वीणा बजा रही हैं
किस मंजु ज्ञान से तू
जग को लुभा रही हैं ----2
किस भाव में भवानी
तू मग्न हो रही है
विनती नहीं हमारी
क्यों माँ तू सुन रही है ----2
हम दीन बाल कब से
विनती सुना रहें हैं
चरणों में तेरे माता
हम सर झुका रहे हैं
हम सर झुका रहे हैं
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा ----2
विनती सुना रहें हैं
चरणों में तेरे माता
हम सर झुका रहे हैं
हम सर झुका रहे हैं
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा ----2
अज्ञान तुम हमारा,
माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में,
माँ शारदे तू भर दे ----2
माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में,
माँ शारदे तू भर दे ----2
बालक सभी जगत के
सूत मात हैं तुम्हारे
प्राणों से प्रिय है हम
तेरे पुत्र सब दुलारे
तेरे पुत्र सब दुलारे
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा ----2
सूत मात हैं तुम्हारे
प्राणों से प्रिय है हम
तेरे पुत्र सब दुलारे
तेरे पुत्र सब दुलारे
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा ----2
हमको दयामयी तू
ले गोद में पढ़ाओ
अमृत जगत का हमको,
माँ शारदे पिलाओ ----2
ले गोद में पढ़ाओ
अमृत जगत का हमको,
माँ शारदे पिलाओ ----2
मातेश्वरी तू सुन ले
सुंदर विनय हमारी
करके दया तू हर ले
बाधा जगत की सारी
बाधा जगत की सारी
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा-----2
माँ शारदे कहाँ तू
वीणा बजा रही हैं
किस मंजु ज्ञान से तू
जग को लुभा रही हैं ----2
सुंदर विनय हमारी
करके दया तू हर ले
बाधा जगत की सारी
बाधा जगत की सारी
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा-----2
माँ शारदे कहाँ तू
वीणा बजा रही हैं
किस मंजु ज्ञान से तू
जग को लुभा रही हैं ----2
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