श्री गणेशाची आरती(Shri Ganeshachi Aarati) - Bhaktilok
शेंदूर लाल चड्ढायो अच्छा गजमुखको
डोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहारको
हाथ लिए गुडलड्डू साईं सुरवरको
महिमा कहे ना जाए लागत हुन पडको
जय देव जय देवी
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मन रमाता
जय देव जय देवी
अष्टो सिद्धि दासी संकटको बैरी
विघ्नविनाश मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश एबी छबी टेरी
गंडास्थलमदमस्तक झूले शशिबहारी
जय देव जय देवी
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मन रमाता
जय देव जय देवी
भवभगत से कोई शरणगत आवे
संतत संपत सबाही भरपुर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसाविनंदन निशिदीन गन गावे
जय देव जय देवी
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मन रमाता
जय देव जय देवी
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