गोकुल नगरी में रहता है कोई जादूगर भजन लिरिक्स (Gokul Nagari Me Rahta Hai Koi Jadugar Bhajan Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan Kanhaiya Ji - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

गोकुल नगरी में रहता है कोई जादूगर भजन लिरिक्स (Gokul Nagari Me Rahta Hai Koi Jadugar Bhajan Lyrics in Hindi) - 


अपना दहिया तू उतार 

गोरी ना जा जमुना पार

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 

अपना दहिया तू उतार


कल मै गयी थी 

सखी बेचन दहिया 

मिला वही चोर मेरी 

रोक दिया रहिया 

करने लगा ओ तकरार 

मांगे दहिया तो उतार 

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 


अपना दहिया तू उतार 

गोरी ना जा जमुना पार

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 

अपना दहिया तू उतार


नरम कलाई मेरी 

ऐसे मरोड़ी 

मार चीख सखी मै 

तो पड़ी रो री 

ताकि मेरा हो श्रृंगार मै 

तू उससे हुयी लाचार

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 


अपना दहिया तू उतार 

गोरी ना जा जमुना पार

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 

अपना दहिया तू उतार


मुखड़े पे भोलापन 

हाथ में बासुरिया

कर गया जादू मो पे 

नन्द का सांवरिया 

करके बाते ओ हजार 

दहिया लेना ओ उतार 

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 


अपना दहिया तू उतार 

गोरी ना जा जमुना पार

गोकुल नगरी में रहता 

है कोई जादूगर 

अपना दहिया तू उतार...||




Also Read new krishna Bhajan:-


Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !