संभव नहीं राधे समय समझाएगा

Deepak Kumar Bind


संभव नहीं राधे समय समझाएगा ( Sambhav Nahi Radhe Samay Samjhayega Lyrics in Hindi) - Mohit Lalwani Krishna Bhajan - Bhaktilok


संभव नहीं राधे समय समझाएगा ( Sambhav Nahi Radhe Samay Samjhayega in Hindi) - Mohit Lalwani Krishna Bhajan - 


क्यूं तुम समझ पाए नहीं

पावन प्रणय की रीत को

क्यूं मोह तुमने कहा दिया

निश्चल हृदय की प्रीत को


ये क्या किया ये क्यों किया

बतलाओ न कान्हा

ये तुमने क्यों किया


ये क्या किया ये क्यों किया

बतलाओ न कान्हा

ये तुमने क्यों किया


मुस्कान अधरों पर लिए

क्यूं मैं सदा चुप ही रहा


सोचा था क्या, क्या हो गया

एक क्षण में सब कुछ खो गया

सब कुछ था जीवन में मेरे

जीवन ही मेरा खो गया


नियति ने ऐसा क्या किया

मिली प्रेम में ऐसी विरह

चाहा था क्या, पाया है क्या

सब कुछ ही मेरा खो गया


राधे..

हर बात समझाना सदा

संभव नहीं राधे

समय समझाएगा


हर बात समझाना सदा

संभव नहीं राधे

समय समझाएगा


संभव नहीं होते कभी

यहां प्रश्नों के उत्तर सभी


मुस्कान अधरों पर लिए

क्यूं मैं सदा चुप ही रहा


रंगों भरा जीवन मेरा

बेरंग अब ये हो गया

हर रंग अब है खो गया

ना जाने ये क्या हो गया


बेरंग जीवन के मेरे

तुम प्राण हो कान्हा

मेरी तुम प्रीत हो


रंगों भरा जीवन मेरा

बेरंग अब ये हो गया


तुमको कदाचित लग रहा

की मुझको तुमने खो दिया

झांको स्वयं के मन में तुम

मैं तो तुम्ही में बस रहा


राधे…

क्यूं तुम समझ पाए नहीं

पावन प्रणय की रीत को

क्यूं मोह तुमने कहा दिया

निश्चल हृदय की प्रीत को


ये क्या किया, ये क्यों किया

बतलाओ न कान्हा

ये तुमने क्यों किया


ये क्या किया, ये क्यों किया

बतलाओ न कान्हा

ये तुमने क्यों किया


व्याकुल हृदय आकुल है मन

जीवन पे भारी क्षण है ये

क्यूं प्रेम को तुमने मेरे

समझा की आकर्षण है ये


कान्हा…

तुम प्रीत हो मनमीत हो

मेरे हृदय का संगीत हो…


राधे कृष्ण राधे कृष्ण

राधे कृष्ण राधे कृष्ण |


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