वीणावादिनी ज्ञान की देवी (Gyan ki Jyoti Gaga Dena Lyrics in Hindi) - सरस्वती मां का भजन - Bhaktilok
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना.....-2
तू सारे संगीत सँवारे,
रागों में आभास तेरा
रागों में आभास तेरा.....
साजों की आवाज तुझी से
सारे सुरों में वास तेरा
सारे सुरों में वास तेरा....
राग रागिनी मेरी सरगम
इनको और खिला देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
वीणा वादिनी ज्ञान की देवी....
ग्रंथों के हर एक पन्ने पर
तू ही शब्द सजाती है
तू ही शब्द सजाती है.....
कलम थमा के तू कवियों से
प्यारे गीत लिखाती है
प्यारे गीत लिखती है......
चलती रहे बस मेरी लेखनी
इतना योग्य बना देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
वीणा वादिनी ज्ञान की देवी.......
तेरी कृपा से कला निखरती
रंग खिले तस्वीरों में
रंग खिले तस्वीरों में....
तू सतरंगी जीवन करती
रंग भरे तकदीरो में
रंग भरे तकदीरों में.......
जग में ऊँचा नाम रहे माँ
ऐसी युक्ति लगा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
वीणा वादिनी ज्ञान की देवी......
जब जब बोलूं कोई वाणी
अमृत की बौछार लगे
अमृत की बौछार लगे.....
मधुर वचन हर मन को भाए
वीणा की झंकार लगे
वीणा की झंकार लगे.....
कंठ बसो है मात शारदे
मीठे बोल सिखा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना
वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
हाँ ज्ञान की ज्योति जगा देना
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